क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी-20 में जो रोमांच है वह शायद क्रिकेट के किसी अन्य प्रारूप में नहीं है। ये खेल पूरी दुनिया की कल्पना पर खरा उतरा है। बहुत से लोगों का ये भी मानना है कि ये फॉर्मेट पूरी दुनिया में क्रिकेट को प्रसारित करने में मददगार साबित हो सकता है। खिलाड़ियों को अब ये आभास हो रहा है कि वह इसके जरिये पैसा तो कमा ही सकते हैं, साथ ही वह इस दौरान अपनी क्षमता को भी दिखा सकते हैं। मौजूदा दौर में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अब इसी फॉर्मेट में खेलना पसंद करते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी बीते दशक के भी थे जो इस प्रारूप में बिलकुल फिट बैठते हैं। जो सुपरस्टार साबित हो सकते थे।
#1 माइकल बेवन
ऑस्ट्रेलिया का ये बाएं हाथ का बल्लेबाज़ बिना किसी शक के वनडे का महान बल्लेबाज़ रहा है। बाकी शक तो तब खत्म हो जाता था, जब वह विकट समय में बेहतरीन बल्लेबाज़ी करते थे। बेवन कभी भी नर्वस नहीं होते थे, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को कई खराब मौकों पर संकट से उबारने का काम किया है। बेवन का 232 मैचों से 53.58 का कमाल का औसत रहा। इसके आलावा वह खेल को खत्म करने के लिए जाने जाते थे। 196 पारियों में 67 बार नाबाद रहे थे। आईपीएल में उन्हें टीमें हाथों हाथ ले लेती। इसके अलावा बेवन कामचलाऊ बाएं हाथ के चाइनामेन गेंदबाज़ भी थे। भारतीय विकेट पर तो वह बेहतरीन खिलाड़ी साबित होते।
#2 लांस क्लूज़नर
जब भी हम लांस क्लूसनर की बात करते हैं, हमारे दिमाग में वर्ल्डकप 1999 की यादें ताज़ा हो जाती हैं। वह इस टूर्नामेंट में बल्ले और गेंद से काफी सफल साबित हुए थे। वह अपनी टीम के मैच विजेता खिलाड़ी थे। वह बल्ले को हाई बैकलिफ्ट में पकड़ते थे। और विपक्षी गेंदबाजों पर मनचाहा शॉट खेलते थे। उनकी तेज तर्रार यॉर्कर गेंदें उन्हें इस टूर्नामेंट में बल्लेबाजों के लिए घातक साबित होती। साथ ही वह एक सम्पूर्ण खिलाड़ी साबित होते। वह आईपीएल के मार्की खिलाड़ी बन सकते थे। 171 वनडे मैचों में क्लूसनर ने 41 के औसत और 89 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 3576 रन बनाये थे। इस दौरान उन्होंने 4.70 के इकॉनमी रेट और 29.95 के औसत से 192 विकेट लिए थे।
#3 नेथन एस्टल
नाथन एस्टल निडर होकर बल्लेबाज़ी करते थे। वह न्यूज़ीलैंड के अपने जमाने के सबसे जुझारू बल्लेबाजों में आते थे। इसके अलावा वह मध्यम गति के गेंदबाज़ भी थे। जिससे वह पूर्ण क्रिकेटर थे। वह जवाबी खेल दिखाने में माहिर थे। उन्होंने अपने स्वतंत्र खेल का काफी आनंद भी उठाया था। उन्होंने टेस्ट में 153 गेंदों में तेज दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। एस्टल स्लिप के बेहतरीन फील्डर भी थे और उन्हें क्रिकेट की अच्छी खासी समझ भी थी। इन सभी खूबियों की वजह से वह आईपीएल के सुपरस्टार होते यदि ये एक दशक पहले शुरू होता।
#4 क्रिस कैर्न्स
क्रिस कैर्न्स ऐसे खिलाड़ी थे जो परम्परागत शैली में बंधकर बल्लेबाज़ी करना नहीं पसंद करते थे। कैर्न्स ने हमेशा अपने खेल में आक्रामक रवैया अपनाया। एक हिसाब से वह न्यूज़ीलैंड के 1990-2000 तक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे। वह इस खेल के हार्ड हिटर बल्लेबाज़ थे, जो रन और गेंद के अंतर अपनी हिटिंग क्षमता से कम कर देते थे। इसके आलावा वह कामचलाऊ सीम गेंदबाज़ भी थे। जो पिच के मूवमेंट का इस्तेमाल करके अच्छी गेंदबाज़ी भी कर सकते थे। कैर्न्स एक तरह उम्दा आलराउंडर थे। जो आईपीएल में किसी भी टीम में फिट बैठते।
#5 एंडी फ्लार
एंडी फ्लावर अपने पीक पर जिम्बावे के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। बहुत से लोगों का ये मानना है कि वह जिम्बावे के अबतक सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। साल 2000 में उन्होंने भारत के दौरे पर भारतीय दर्शकों की नजरों में काफी चढ़ गये थे। वह जब रिवर्स स्वीप और स्वीप खेलते थे। तो सभी उन्हें ध्यान से देखते थे। वह एक बेहतरीन विकेटकीपर भी थे। लेकिन जिस तरह से वह स्पिन गेंदबाजों को खेलते थे ऐसे में वह आईपीएल में काफी फिट बैठते। लेखक-मनीष, अनुवादक-मनोज तिवारी