वनडे क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 70 के दशक की शुरुआत में आया था और आने के बाद छा गया। टेस्ट क्रिकेट के धीमे बल्लेबाजों ने भी इसमें शानदार खेल दिखाया और तेज खेलने वालों के लिए तो यह एक अच्छा प्रारूप बनकर उभरा। शुरुआत से लेकर अब तक पिछले पचास सालों में इस प्रारूप ने दर्शकों का मनोरंजन तो किया ही है लेकिन कुछ बेस्ट बल्लेबाज भी विश्व क्रिकेट को दिए हैं।
समय के साथ ही वनडे क्रिकेट में नियम भी बदलते गए और नए नियमों से बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा हुआ। गेंदबाजों के लिए कई बल्लेबाज हमेशा से सिर दर्द बने रहे हैं। कुछ बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजों के पसीने छूटते हुए भी देखे गए हैं। हालांकि इन सबके बावजूद इस प्रारूप ने हर दशक कुछ अच्छे गेंदबाज भी दिए। इस आर्टिकल में वनडे क्रिकेट की शुरुआत से लेकर अब तक के पांच श्रेष्ठ बल्लेबाजों के बारे में जिक्र किया गया है। इन बल्लेबाजों को पूरे दशक का श्रेष्ठ खिलाड़ी मानते हुए इस लेख में चर्चा की गई है। शायद आप ही इन सबके फैन रहे होंगे और टॉप पांच के चयन से इत्तेफाक भी रखते होंगे।
सर विवियन रिचर्ड्स (1970)
हालांकि इस दशक में ग्रेग चैपल ने सबसे ज्यादा रन बनाए लेकिन स्ट्राइक रेट और औसत के मामले में विवियन रिचर्ड्स आगे रहे। विस्फोटक बल्लेबाजी के कारण दर्शक भी रिचर्ड्स को ख़ासा प्यार करते थे और आज भी उस जमाने के क्रिकेट प्रेमी उनके शॉट याद करते हैं। उस समय चैपल ने एक शतक जड़ा था लेकिन रिचर्ड्स ने तीन शतक अपने नाम किये थे। इन तीन में भी एक सैकड़ा 1979 विश्वकप के फाइनल में लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ आया था। 157 गेंद में रिचर्ड्स ने 138 रन बनाए थे। रिचर्ड्स ही वे खिलाड़ी थे जिन्होंने वनडे क्रिकेट को अपनी तेज बल्लेबाजी से लोकप्रिय बनाया। उस समय सभी खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट के आदी थे और वनडे में बल्लेबाजी भी वैसी करते थे लेकिन रिचर्ड्स अलग खेलते थे।
डेसमंड हैंस (1980)
रिचर्ड्स के बाद अगले दशक में भी उनके ही देश के डेसमंड हैंस ने इस परम्परा को बनाए रखा। इस दशक में वे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले वनडे खिलाड़ी रहे। 159 मैच में हैंस ने 5892 रन बनाए जिसमें उनका औसत 43 से ज्यादा का था। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 152 रन था जो उन्होंने 126 गेंद खेलकर 1989 में भारत के खिलाफ बनाया था। उन्होंने इस दशक में 1984 तक कोई शतक नहीं जड़ा लेकिन अगले छह साल में 15 शतक लगाए।
सचिन तेंदुलकर (1990)
इस भारतीय खिलाड़ी ने वनडे क्रिकेट के नए आयाम ही लिख दिए। 90 का दशक पूरी तरह सचिन तेंदुलकर के नाम रहा। उन्होंने इस दौरान 228 वनडे मैचों में 8571 रन बनाए। उनके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन भी लिस्ट में थे जिन्होंने छह हजार से ज्यादा रन बनाए। इस दशक में ब्रायन लारा, सनथ जयसूर्या और सईद अनवर जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे लेकिन सचिन ने सबको पीछे छोड़ दिया। इस दशक में तेंदुलकर ने 24 वनडे शतक जमाए। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहद शानदार खेले।
रिकी पोंटिंग (2000)
ऑस्ट्रेलिया के लिए इस दशक में रिकी पोंटिंग में विश्व क्रिकेट को डोमिनेट किया। तेंदुलकर के बाद इस पोंटिंग को भी विश्व क्रिकेट में अलग पहचान मिली। इस दशक रिकी पोंटिंग ने 23 शतक के साथ 239 मैचों में 9103 रन बनाए। तेंदुलकर 211 मैच में 8823 रन बनाकर काफी पास थे, उन्होंने भी 21 शतक जड़े थे। पोंटिंग ने भारत के खिलाफ 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में नाबाद 140 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा उन्होंने इस दशक अपनी कप्तानी में टीम को दो बार वर्ल्ड कप ख़िताब भी दिलाया।
विराट कोहली (2010)
मौजूदा समय में यह भारतीय खिलाड़ी विश्व का श्रेष्ठ खिलाड़ी है, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। कोहली ने 262 मैचों में 12 हजार 344 रन बनाकर अविश्वसनीय प्रदर्शन किया है। उन्होंने 43 शतक भी जड़े हैं और उनका औसत 58 का है। कोहली ने 183 रन का उच्चतम स्कोर बनाया है और उनसे दोहरे शतक की उम्मीद सभी कर रहे हैं।