#1. पर्थ टेस्ट में किसी स्पिनर को ना चुनना
14 दिसंबर 2018 को भारतीय कप्तान ने एक ऐसा निर्णय लिया जिसने सबको आश्चर्यचकित कर दिया। भारतीय टीम प्रबंधन एक बार फिर पिच को पढ़ने में नाकाम रहा और कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में किसी भी स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी। संभवतः इसका कारण था पर्थ की हरी पिच।
भारतीय तेज गेंदबाजों खासकर जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन मैच के अंतिम दो दिनों में जब पिच धीमी हो जाती है, वे कोई कारनामा नहीं दिखा पाए। उस समय टीम को एक बेहतरीन स्पिनर की कमी ज़रूर ख़ली होगी।
वहीं ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने पहली पारी में 5 और दूसरी में 4 विकेट झटके। हनुमा विहारी, जो भारतीय लाइन-अप में एकमात्र स्पिनर थे, ने पहली पारी में दो विकेट लिए थे। हालाँकि, यह काफी नहीं था और ऑस्ट्रेलिया ने बड़ी आसानी से यह मैच जीत लिया।
अगर कप्तान कोहली ने आश्विन या जडेजा में से किसी एक को मौका दिया होता तो शायद परिणाम भारत के पक्ष में होता।