भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार (1 जुलाई) से शुरू होने वाले पुनर्निर्धारित टेस्ट के लिए टीम का कप्तान बनाया गया है। BCCI ने रेगुलर कैप्टन रोहित शर्मा के COVID-19 के कारण इस टेस्ट मैच से बाहर होने के बाद जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाने का फैसला किया।
भारत में गेंदबाजों का कप्तान बनना दुर्लभ है। पॉली उमरीगर और मंसूर अली खान पटौदी से लेकर मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर तक और हाल ही में, एमएस धोनी, विराट कोहली, और फिर रोहित शर्मा का कप्तान बनना यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट ने टीम का नेतृत्व करने के लिए बल्लेबाजों को प्राथमिकता दी है।
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि बुमराह पिछले 35 सालों में टेस्ट क्रिकेट में भारत का नेतृत्व करने वाले पहले तेज गेंदबाज हैं। वहीं ओवरऑल गेंदबाजों की बात करें तो 2008 में अनिल कुंबले की कप्तानी के बाद जसप्रीत बुमराह पहले गेंदबाज हैं, जिन्हें टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है।
भारतीय टेस्ट टीम कप्तानी के इतिहास की बात करें तो जसप्रीत बुमराह भारत के 36वें टेस्ट कप्तान हैं। 28 वर्षीय जसप्रीत बुमराह ने अब तक 29 टेस्ट मैच खेलें हैं, जिसमें उन्होंने 123 विकेट चटकाए हैं।
आइए हम आपको उन 5 गेंदबाजों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने जसप्रीत बुमराह से पहले टेस्ट मैचों में कप्तानी की है।
5 गेंदबाज जो जसप्रीत बुमराह से पहले भारत की टेस्ट कप्तानी कर चुके हैं
#5 अनिल कुंबले
जसप्रीत बुमराह से पहले भारतीय टेस्ट टीम के लिए अनिल कुंबले ही वह गेंदबाज थे, जिन्होंने भारत के लिए टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। भारत के महान लेग स्पिनर गेंदबाज अनिल कुंबले ने 2007 से 2008 के बीच में भारत के लिए 14 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। उनके कप्तानी में भारत ने 3 टेस्ट मैचों में जीत और 5 में हार का सामना किया था, जबकि बाकी 6 मैच ड्रॉ हुए थे। अनिल कुंबले के कार्यकाल में भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सिडनी टेस्ट मैच विवाद के तुरंद बाद पर्थ टेस्ट मैच जीतना रहा।
#4 कपिल देव
हमारी इस लिस्ट में दूसरा नाम भारत के महान कप्तानों में से एक और भारत को पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव का नाम आता है। कपिल देव ने 1983 से 1987 के बीच में भारत के लिए 34 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। दुर्भाग्यवश, कपिल को टेस्ट मैच कप्तान के तौर पर बहुत ज्यादा सफलताएं हासिल नहीं हुई। उनके कप्तानी पीरियड में भारत ने सिर्फ 4 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की और 7 में हार का सामन किया, जबकि बाकी 23 टेस्ट मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला।
#3 बिशन सिंह बेदी
भारत के महान लेफ्ट-ऑर्म स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने भी 1976 से लेकर 1978 के बीच में भारत के लिए 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। उनके पीरियड में भारत ने 6 टेस्ट मैचों में जीत और 11 में हार का सामना किया, वहीं बाकी मैच ड्रॉ रहे।
टेस्ट कप्तान के तौर पर बिशन सिंह बेदी की सबसे बड़ी उपलब्धि 1975-76 के वेस्टइंडीज दौरे पर वेस्टइंडीज को एक टेस्ट मैच हराना रहा था। इसके अलावा 1977-78 में भारत पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था, जहां टीम ने 2 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की थी। हालांकि बाकी 3 टेस्ट मैचों में हार की वजह से भारत उस सीरीज को 2-3 से हार गया था।
#2 श्रीनिवास वेंकटराघवन
श्रीनिवास वेंकटराघवन भी भारत के एक ऑफ स्पिनर थे, जिन्होंने 1974 से 1979 के बीच में भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की थी। उस दौरान उन्होंने कुल 5 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी और एक भी मैच में टीम को जीत नहीं दिला पाए थे। उनके कार्यकाल में भारत ने एक-एक मैच इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ हार गया था और बाकी 3 मैच इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ कराने में सक्षम रहा था। श्रीनिवास वेंकटराघवन ने 57 टेस्ट मैचों में 36.11 की औसत से 156 विकेट हासिल किए थे।
#1 गुलाम अहमद
गुलाम अहमद भी भारत के एक बढ़िया ऑफ स्पिनर गेंदबाज थे। उन्होंने भी 1955 से 1959 के बीच में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 3 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। उनमें 3 मैचों में एक न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला गया था, जिसे गुलाम अहमद की टीम ड्रॉ कराने में सक्षम रही थी। वहीं, बाकी के दो मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए थे, जिनमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
(नोट - हमने इस आर्टिकल में ऑलराउंडर खिलाड़ियों को भी शामिल किया है)