भारत और न्यूजीलैंड की टीमें साउथैम्पटन में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भिड़ने को तैयार हैं। भारत का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का सफर काफी बेहतरीन रहा है। भारत ने अपनी शुरुआती तीनों सीरीजों में वाइटवॉश करके टेस्ट चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा अंक दर्ज किए। हालांकि इसके बाद टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक भी टेस्ट मैच में जीत नहीं मिली। वैसे तो कोरोना के कारण काफी मैचों को स्थगित कर दिया गया था और इसी वजह से फाइनल में जगह बनाने के लिए टीमों के जीत प्रतिशत का सहारा लिया गया।। जिन दो टीमों का सबसे ज्यादा जीत प्रतिशत था, उन्हें ही फाइनल में प्रवेश मिला। भारत को अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज में जीत के बाद इस चैंपियनशिप के फाइनल में जगह मिली।
वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड का सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज ड्रॉ, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-0 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि इसके बाद न्यूजीलैंड ने भारत और पाकिस्तान के खिलाफ अपने घर पर खेली गयीं टेस्ट सीरीजों में 100% अंक प्राप्त किये। न्यूजीलैंड की बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज और साउथ अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया की सीरीज रद्द होने का फायदा मिला और टीम सीधे फाइनल में पहुँच गयी।
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आईसीसी ने 2019 में टेस्ट क्रिकेट को और भी रोमांचक बनाने के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का उद्घाटन किया था। इस चैंपियनशिप को लेकर सभी क्रिकेट बोर्डों ने सकारात्मक रवैया अपनाया और आईसीसी के इस निर्णय पर खुशी जताई। इस बात पर कोई भी शक नहीं है कि इस टूर्नामेंट ने टेस्ट क्रिकेट को नए आयाम दिए लेकिन संभव है कि 2021– 23 में होने वाले टेस्ट चैंपियनशिप में काफी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
5 बदलाव जो WTC के अगले संस्करण में किए जा सकते हैं
#1 हर सीरीज में 3 मैचों का आयोजन
अभी हाल ही में इंग्लैंड के खिलाड़ी स्टुअर्ट ब्रॉड ने आईसीसी के सामने अपना पक्ष रखते हुए ट्वीट किया था और पूछा था कि बोर्ड कैसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई एशेज सीरीज का मूल्यांकन भारत और बांग्लादेश के बीच हुई दो मैचों की सीरीज से कर रहा है। ऐसे में कार्य करने की जरूरत है कि कैसे सभी को समान स्तर पर लाया जाए।
दरअसल वर्तमान नियमों के अनुसार पांच मैचों की सीरीज जीतने पर टीमों को 24 अंक मिलते हैं, जबकि दो मैचों की सीरीज जीतने पर जीतने वाले को 60 अंक मिलते हैं। आशा है कि इस नियम का संशोधन आगामी चैंपियनशिप में देखने को मिल सकता है और हर सीरीज में मैचों की संख्या 3 तय कर देनी चाहिए।
#2 विदेशों में उत्कृष्ट खेल दिखाने वाली टीमों को "गोल्डन बैज" दिया जाए
टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान कई टीमों ने विदेशों में जाकर दमदार प्रदर्शन किया। विदेशों में परिस्थितियां अलग होती हैं और वहां अच्छा प्रदर्शन करना एक खास उपलब्धि है। ऐसे में जो टीमें अच्छा प्रदर्शन करें, उन्हें 4 गोल्डन बैज प्राप्त करने पर इनाम के रूप में अतिरिक्त अंक दिए जाने चाहिए। इसके अलावा अगर टीमें बड़े अंतर से जीतती हैं तो इसके लिए भी बोनस अंक दिए जाने चाहिए।
#3 ड्रॉ पर अधिक अंक
टेस्ट चैंपियनशिप की वर्तमान नियमों के अनुसार अगर दो टीमों के बीच खेली गई सीरीज ड्रा हो जाती है तो दोनों टीमों को निर्णायक अंकों में से एक तिहाई अंक– एक तिहाई अंक दे दिए जाते हैं और जबकि बाकी के एक तिहाई अंक व्यर्थ हो जाते हैं। अगर इन अंको का वितरण 50– 50 के हिसाब से कर दिया जाए तो टीमों को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अंक दर्ज करने में काफी सरलता प्राप्त होगी।
#4 स्लो ओवर रेट की पेनाल्टी को टेस्ट चैंपियनशिप के अंकों पर ना लगाया जाए
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई क्रिकेट सीरीज में स्लो ओवर रेट एक बड़ा फैक्टर साबित हुआ था। जानकारों के अनुसार अगर ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट चैंपियनशिप अंकों पर अगर स्लो ओवर रेट पेनाल्टी ना लगाई जाती तो संभव था कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होता। संभव है कि टेस्ट चैंपियनशिप का यह नियम भी आगामी चैंपियनशिप के संस्करण में से लुप्त हो सकता है।
#1 टॉप 3 टीमों के बीच नॉक आउट
नियमों के अनुसार अंक तालिका में जो दो टीम सबसे टॉप पर होती हैं, उनके बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाता है। लेकिन क्रिकेट के जानकार इस नियम से काफी नाखुश नजर आ रहे हैं और संभव है कि आगामी संस्करण में टेस्ट क्रिकेट चैंपियनशिप के अगले संस्करण में फाइनल में नॉक आउट के माध्यम से जगह बनाने पर विचार किया जाए। सबसे टॉप टीम को सीधा फाइनल का टिकट दिया जाएगा। वहीं दूसरी और तीसरी नंबर की टीम के बीच क्वालीफायर आयोजित होगा और क्वालीफायर की विजेता टीम को फाइनल में जाने का मौका मिलेगा।