अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का सपना हर युवा खिलाड़ी अपने क्रिकेट के शुरुआती दिनों से ही देखना शुरू कर देता है। लेकिन बहुत ही कम खिलाड़ियों का ये सपना साकार हो पाता है। जब किसी खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू होता है तो सबसे ज्यादा ख़ुशी उसके परिवार वालों की होती है। क्रिकेट के इस खेल में अभी तक बहुत बार ऐसा देखने को मिला है जब एक ही परिवार से दो भाइयों को अपनी राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का अवसर मिला हो।
इसमें ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team), पाकिस्तान(Pakistan Cricket Team), ज़िम्बाब्वे (Zimbabwe Cricket Team) और भारत (Indian Cricket Team) जैसे देशों के नाम शामिल हैं। इन देशों की ओर से अभी तक कई बार एक ही परिवार के दो लड़कों को अपने देश की ओर से राष्ट्रीय टीम में खेलने का सौभाग्य मिल चूका है। इस आर्टिकल में उन 5 भाईयों की जोड़ियों की बात करेंगे जिन्हें भारतीय टीम की ओर से खेलने का मौका मिला।
5 फेमस भाईयों की जोड़ियां जो भारतीय टीम के लिए खेल चुकी हैं
#5 हार्दिक और क्रुणाल पांड्या
पांड्या बंधुओं ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए की थी। 2015 में अपना आईपीएल डेब्यू करने वाले हार्दिक पांड्या को 2016 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने का मौका मिला था।
ये ऑलराउंडर खिलाड़ी अब तक भारत के लिए 11 टेस्ट, 63 वनडे और 57 टी20 मुकाबले खेल चुका है। मौजूदा समय में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही पांच मैचों की टी20 सीरीज में पांड्या भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इनके बड़े भाई क्रुणाल पांड्या का इंटरनेशनल डेब्यू 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले टी20 मैच से हुआ था। अपने डेब्यू वनडे में क्रुणाल ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले मैच में 26 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया था। क्रुणाल भारत के लिए अब तक 19 टी20 और पांच एकदिवसीय मुकाबले खेल चुके हैां
#4 इरफ़ान और युसूफ पठान
पठान भाईयों ने एक साधारण परिवार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ओर से खेलने का सफर बड़ी मुश्किलों से तय किया था। हालाँकि इरफ़ान पठान कामयाबी के मामले में अपने बड़े भाई युसूफ पठान से काफी आगे निकले थे। ऑलराउंडर इरफ़ान को 19 वर्ष की उम्र में भारत की ओर से टेस्ट खेलने का मौका मिला था। 2006 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले टेस्ट में बाएं हाथ के गेंदबाज ने अपने पहले ओवर में हैट्रिक लेकर इतिहास रचा था। इसके अलावा 2007 में टी20 विश्वकप में के फाइनल मैच में इरफ़ान को शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ़ द मैच भी चुना गया था। अपने क्रिकेट करियर में इस ऑलराउंडर ने 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मुकाबले खेले थे।
युसूफ पठान का इंटरनेशनल करियर अपने छोटे भाई जितना बड़ा नहीं रहा था। दाएं हाथ के ऑलराउंडर ने अपने करियर के दौरान मध्यक्रम में भारत के लिए कई यादगार परियां खेलीं थी। युसूफ ने भारत के लिए 57 वनडे और 22 टी20 मैच खेले थे।
#3 मोहिंदर और सुरिंदर अमरनाथ
मोहिंदर अमरनाथ ने भारत को 1983 विश्व कप जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। मोहिंदर इस विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में मैन ऑफ़ द मैच चुने गए थे। दाएं हाथ का ये ऑलराउंडर खिलाड़ी करीब दो दशकों तक भारतीय टीम का हिस्सा रहा था। मोहिंदर ने भारत के लिए 69 टेस्ट और 85 वनडे मुकाबले खेले थे जिसमें उन्होंने 6,300 रन बनाये थे। वहीं गेंदबाजी करते हुए मोहिंदर ने दोनों प्रारूपों में कुल 78 विकेट भी चटकाए थे।
सुरिंदर अमरनाथ का इंटरनेशनल करियर 13 मैचों का रहा था। सुरिंदर ने अपना पहला टेस्ट 1976 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध खेला था। जिसमें उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 124 रनों की शतकीय पारी खेली थी। सुरिंदर ने अपने इसी प्रदर्शन को जारी रखते हुए घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए दो अर्धशतक जमाये। अपने दस मैचों के टेस्ट करियर में बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 30.56 की औसत से 550 रन बनाये थे। जबकि एकदिवसीय फॉर्मेट में तीन मैचों में 33.33 की औसत से 100 रन बनाये।
#2 माधव और अरविन्द आप्टे
दाएं हाथ के बल्लेबाज माधव आप्टे ने 13 नवंबर 1952 को पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए अपना पहला टेस्ट खेला था। 1953 में जब भारत ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था, तब आप्टे ने सीरीज में खेले पांच मैचों में 51.11 की औसत से 460 रन बनाये थे। इस सीरीज में आप्टे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे खिलाड़ी रहे थे। हालाँकि इस तरह के शानदार प्रदर्शन के बावजूद आप्टे का करियर बेहद छोटा रहा था। माधव के करियर की बात करें तो उन्होंने सात मैचों में 49.27 की औसत 542 रन बनाये थे।
सलामी बल्लेबाज अरविन्द आप्टे ने भारत के लिए सिर्फ एक टेस्ट मुकाबला खेला था। जिसमें उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। इंग्लैंड के विरुद्ध खेले इकलौते टेस्ट में अरविन्द ने पहली पारी में आठ, जबकि दूसरी पारी में सात रन बनाये थे।
#1 सुभाष और बालू गुप्ते
लेग स्पिनर सुभाष गुप्ते ने 1951 में इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गार्डन्स के मैदान पर अपना पहला टेस्ट मुकाबला खेला था। जबकि सुभाष ने अपना आखिरी मैच इंग्लैंड के विरुद्ध 1961 में खेला था। अपने दस सालों के क्रिकेट करियर में इस दाएं हाथ के स्पिनर ने 36 मुकाबले खेलते हुए 29.55 की शानदार औसत से 149 विकेट अपने नाम किये थे। गुप्ते के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 102 रन देकर 9 विकेट लेने का रहा था।
घरेलू क्रिकेट में 417 विकेट प्राप्त करने वाले लेग स्पिनर बालू गुप्ते का अंतरराष्ट्रीय करियर बेहद छोटा रहा था। बालू ने अपने करियर में खेले तीन टेस्ट मैचों में 116.33 की औसत से तीन विकेट झटके थे। बालू ने अपना पहला टेस्ट 1961 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेला था, जबकि अपना आखिरी मैच इस स्पिनर ने 1965 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।