आईपीएल में कप्तानी करते हुए टीम को जीत दिलाने का सपना हर खिलाड़ी का होता है। कई बार खिलाड़ियों का यह सपना पूरा होता है और कुछ मौकों पर ऐसा नहीं भी होता। आईपीएल में खेलने और कप्तानी करने का सौभाग्य भी हर खिलाड़ी को नहीं मिलता है। भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों को आईपीएल में कप्तानी करने का मौका मिला है जो नेशनल टीम की भी कप्तानी पहले कर चुके थे। इन खिलाड़ियों में महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा खासा सफल रहे हैं। हालांकि अन्य कई दिग्गज भी कप्तान बने लेकिन सफलता के मामले में उनका नाम पीछे रहा है।
आईपीएल में खेलते हुए टीम को सफलता दिलाने से उस कप्तान का भी कद ऊँचा माना जाता है। कठिन स्थिति से टीम को निकालकर फाइनल तक पहुंचाना और खिताब दिलाना हर कप्तान चाहता है। इसमें मेहनत करने वाले कप्तानों की जीत भी होती है और उन्हें सफलता भी मिलती है। ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों का जिक्र यहाँ किया गया है जिन्हें आईपीएल में कप्तानी करने का मौका मिला लेकिन भारतीय टीम में कप्तानी का मौका नहीं मिला।
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आईपीएल में कप्तानी करने वाले 5 भारतीय जिन्हें नेशनल टीम में कप्तानी नहीं मिली
श्रेयस अय्यर
गौतम गंभीर ने जब दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी छोड़ी, तब 2018 के आईपीएल में श्रेयस अय्यर को कप्तानी करने का मौका मिला। हालांकि उनकी कप्तानी में टीम ने अंतिम स्थान पर अपना अभियान समाप्त किया लेकिन अय्यर ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। आईपीएल में श्रेयस अय्यर ने बतौर कप्तान 24 में से 13 मैचों में जीत हासिल की है।
जहीर खान
भारतीय टीम के दिग्गज तेज गेंदबाज रह चुके जहीर खान को 2016 के आईपीएल में टीम की कप्तानी करने का मौका मिला। इसके बाद जहीर ने 2017 में भी दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी की। हालांकि टीम को ज्यादा सफलता नहीं मिली। दोनों सीजन में खेलते हुए जहीर खान ने गेंदबाजी में 20 विकेट चटकाए।
रविचंद्रन अश्विन
इस भारतीय खिलाड़ी को किंग्स इलेवन की कप्तानी करने का मौका 2018 में मिला था। हालांकि उनकी कप्तानी में टीम का खेल अच्छा नहीं रहा और छठे स्थान पर उनका अभियान समाप्त हुआ। खुद अश्विन का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा। अगले साल अश्विन ने बेहतर किया और 15 विकेट चटकाए लेकिन टीम छठे स्थान पर रही।
युवराज सिंह
किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पहले सीजन में कप्तानी करने वाले युवराज सिंह को अगले सीजन भी इस फ्रेंचाइजी से कप्तानी का मौका मिला। पहले सीजन में सेमीफाइनल में नॉक आउट होने के बाद किंग्स इलेवन पंजाब की टीम अगले सीजन में पांचवें स्थान पर रही। युवराज सिंह का बल्ला खामोश रहा। इसके बाद युवराज सिंह को 2011 में पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए कप्तानी करने का मौका मिला। इस बार उनकी टीम को 14 में से 4 मैचों में जीत मिली।
दिनेश कार्तिक
जब गौतम गंभीर 2018 में दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा बन गए, तब दिनेश कार्तिक को केकेआर का कप्तान बनाया गया। इस सीजन में उनकी टीम ने अभियान तीसरे स्थान पर समाप्त किया। इसके बाद अगले साल भी वह केकेआर के कप्तान थे। सिर्फ 6 मैच जीतने के कारण टीम प्ले-ऑफ़ में नहीं पहुँच पाई। दिनेश कार्तिक ने इससे पहले दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के लिए 2010 में 6 मैचों में कप्तानी की।