#3 युजवेंद्र चहल दिखे अपने रंग में
युज़वेंद्र चहल 2016 के बाद से भारतीय वनडे टीम का नियमित हिस्सा रहे हैं और तब से उन्होंने कुलदीप यादव के साथ मिलकर टीम को कई मैच जिताये हैं।
हालाँकि, पिछले कुछ समय से चहल फॉर्म में नहीं थे और इंग्लैंड में, उन्होंने तीन मैचों की वनडे श्रृंखला में सिर्फ 2 विकेट हासिल किये थे। एशिया कप में जहां परिस्थितियाँ स्पिनरों के लिए अनुकूल थीं, उन्हें 5 मैचों में सिर्फ 6 विकेट ही मिले, वेस्टइंडीज़ के खिलाफ सीरीज़ भी इतनी शानदार नहीं थी।
वहीं, रविंद्र जडेजा के रूप में भारत के पास एक विश्वस्तरीय बाएं हाथ का स्पिनर है जो गेंद के साथ साथ बल्ले से भी अपना योगदान दे सकता है, इसलिए चहल पर दबाव बढ़ रहा था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चूँकि कुलदीप कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे, चहल को अंततः एमसीजी में खेलने का मौका मिला।
चहल ने बहुत ही चतुराई से गेंदबाज़ करते हुए जहां रनों पर अंकुश लगाया वहीं, नियमित अंतराल पर विकेट भी लिए। अपने 10 ओवर के स्पेल में उन्होंने सिर्फ 46 रन देकर 6 बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखाई। यह एमसीजी में किसी भी भारतीय गेंदबाज़ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
चहल का सही समय पर फॉर्म में आना कप्तान कोहली के लिए एक अच्छी खबर होगी क्यूंकि आगामी विश्व कप की तैयारियों के मद्देनज़र उनका फॉर्म में आना बहुत ज़रूरी था।