#1 एमएस धोनी फिर से फॉर्म में लौटे
टीम इंडिया के लिए इस सीरीज़ की सबसे बड़ी सकारात्मकता बात रही- एमएस धोनी की फॉर्म में आना ।
सीरीज़ शुरू होने से पहले धोनी की बल्लेबाज़ पर सवाल उठ रहे थे लेकिन इस सीरीज़ में खेले तीनों मैचों में अर्धशक बनाकर ना केवल उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जबाव दिया बल्कि, एक बार फिर से फिनिशर की भूमिका भी बखूबी निभाई।
इससे पहले, 2018 में माही रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे। पिछले साल उन्होंने सिर्फ 25 की औसत से 275 रन बनाए और इसके साथ ही उनका स्ट्राइक रेट भी काफी खराब था। दूसरी और, ऋषभ पंत अब भारत की टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा बन गए हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रहीं थी कि पंत को धोनी की जगह वनडे टीम में भी शामिल किया जाये।
लेकिन इन सभी अटकलों को विराम देते हुए धोनी ने नए साल की शुरुआत 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का पुरस्कार जीत कर की। 2018 में वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके, लेकिन 2019 में उन्होंने तीन बार बैक टू बैक अर्धशतक लगाकर टीम में अपनी उपयोगिता साबित की।
इसके अलावा, धोनी तीन मैचों में 193 रन बनाकर शॉन मार्श के बाद इस सीरीज़ में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। एमएस धोनी के अपने पुराने रंग में लौटने से को अपनी पुरानी फॉर्म में लौटने से कप्तान कोहली ने राहत की साँस ली होगी।
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