फुटबॉल के बाद क्रिकेट दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले खेलों में से एक माना जाता है। क्रिकेट के फैंस आपको दुनिया के हर हिस्से में देखने को मिलेंगे। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में तो लोगों की भावनाएं इस खेल से जुड़ी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हर खिलाड़ी के ऊपर काफी दबाव होता है और सबसे ज्यादा दबाव टीम के कप्तान ऊपर रहता है।
कप्तान की जिम्मेदारी होती है कि वो टीम के हित में सही फैसले लेते हुए जीत दिलाने में सफलता हासिल करे। लेकिन कई मौकों पर देखने को मिला है जब कप्तान गुस्से में आपने आपा खो बैठे और उन्होंने क्रिकेट के नियमों की परवाह किये बिना गलत फैसले लिएऔर खिलाड़ियों को मैदान छोड़कर आने तक को कहा। इस आर्टिकल में हम उन 5 मैच का जिक्र करेंगे जिनमें कप्तानों ने अपने खिलाड़ियों को मैच के बीच में ही पवेलियन वापस बुलाया था।
ये हैं वो 5 कप्तान जिन्होंने मैच के बीच में अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर आने को कहा
#5 शाकिब अल हसन (2018)
2018 में खेली गई निदहास ट्रॉफी के छठे मैच में बांग्लादेश और श्रीलंका टीम के खिलाड़ियों के बीच पूरे मैच के दौरान काफी गहमागहमी रही थी। मैच के आखिरी ओवर में ये चीज़ें और भी ज्यादा बढ़ गईं।
कोलंबो में खेले गए इस मैच में बांग्लादेश को आखिरी ओवर में मुकाबला जीतने के लिए 12 रनों की जरुरत थी। स्ट्राइक पर मुस्ताफिजुर रहमान मौजूद थे। श्रीलंकाई गेंदबाजी इसुरु उदाना ने पहली गेंद कंधे से ऊपर बाउंसर डाली। तेज गेंदबाज ने अगली गेंद भी कंधे से ऊपर बाउंसर फेंकी, जिसपर रहमान रन लेने की फिराक में रन आउट हो गए। अंपायरों ने इस गेंद को वाइड या नो बॉल करार नहीं दिया था, जिससे बांग्लादेशी खिलाड़ी काफी नाराज दिखाई दिए।
कई बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने इस चीज़ का विरोध भी किया लेकिन अंपायरों का इसपर कोई असर नहीं पड़ा। बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने भी इसका विरोध किया और वह मौके पर मौजूद एक अधिकारी से बहस करते हुए दिखाई दिए। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने बल्लेबाजों को मैदान से वापस पवेलियन बुला लिया।
हालाँकि कुछ देर के बाद चीज़े सामान्य हो गईं और मैच फिर से शुरू हुआ। आखिर में बांग्लादेश ने इस रोमांचक मुकाबले में एक गेंद शेष रहते 2 विकेट से जीत दर्ज की थी।
#4 अर्जुन रणतुंगा (1999)
श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का गेंदबाजी एक्शन उनके करियर के दौरान कई मौकों पर सवालों के घेरे में आया था। 1999 में एडिलेड में खेले गए श्रीलंका और इंग्लैंड बीच एकदिवसीय मुकाबले में ऐसी ही घटना सामने आई थी। इंग्लिश टीम की बल्लेबाजी के दौरान 18वां ओवर मुरलीधरन कर रहे थे, और अंपायर रॉस इमरसन ने उनकी चौथी गेंद को नो बॉल करार दिया।
इमरसन के मुताबिक मुरलीधरन अवैध एक्शन से गेंदबाजी कर रहे हैं जिसके चलते इस गेंद को नो बॉल दिया गया है। श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा अंपायर के इस निर्णय से नाराज दिखाई दिए और उन्होंने पूरी टीम सहित मैदान से बाहर जाने की धमकी दी। करीब 12 मिनटों तक खेल रुका रहा। कोलंबो में अधिकारियों से बातचीत के बाद श्रीलंकाई खिलाड़ी आखिरकार मैदान पर वापस लौट आए। मैच शुरू होने के कुछ देर बाद रणतुंगा ने दिग्गज ऑफ़ स्पिनर को फिर से गेंदबाजी करने के लिए बुलाया। लेकिन इस बार उन्होंने मुरलीधरन को इमरसन से बचाने के लिए दूसरे छोर से गेंदबाजी करवाई।
#3 बिशन सिंह बेदी (1978)
1978 भारत और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच साहीवाल में खेला गया था। इस मुकाबले को जीतने के लिए टीम इंडिया को आखिरी के तीन ओवरों में 23 रनों की जरूरत थी और भारत जीत की दहलीज पर था। पाकिस्तानी तेज गेंदबाज सरफराज नवाज उस समय गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने लगातार चार बाउंसर गेंदें फेंकी और कुछ गेंदें सिर के ऊपर से जा रही थीं लेकिन अंपायरों ने एक भी गेंद को वाइड नहीं दिया।
इससे भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी नाराज हो गए और उन्होंने अपने बल्लेबाजों को मैदान से वापस आने को कहा। इसके बाद पाकिस्तान को विजेता घोषित कर दिया गया। गौरतलब है कि यह पहला मौका था जब किसी कप्तान ने विरोधी टीम को इस तरह से मैच थमा दिया हो।
#2 सुनील गावस्कर (1981)
1981 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच की दूसरी पारी के दौरान भारतीय टीम के कप्तान सुनील गावस्कर ने अपने साथी खिलाड़ी को मैदान से बाहर चलने को कहा था।
गावस्कर को अंपायर रेक्स व्हाइटफील्ड ने बल्ले का मोटा किनारा लगने के बावजूद एलबीडब्लू आउट दिया था जिससे दाएं हाथ के बल्लेबाज नाखुश दिखाई दिए। अंपायर के आउट दिए जाने के बाद काफी देर तक गावस्कर मैदान पर खड़े रहे और उन्होंने अंपायर को संकेत भी दिया कि गेंद पहले उनके बल्ले से टकराई थी। लेकिन अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला।
लम्बे इतंज़ार के बाद गावस्कर ने क्रीज के दूसरे छोर पर बल्लेबाजी कर रहे चेतन चौहान को मैदान से बाहर चलने को कहा, जो कि अपने पहले टेस्ट शतक को पूरा करने करीब थे। दोनों बल्लेबाजों को भारत के टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी ने बाउंड्री रोप पर रोक दिया और चौहान को नए बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर के साथ मैदान पर वापस भेज दिया।
#1 ऋषभ पंत (आईपीएल 2022)
आईपीएल 2022 का 34वां मैच दिल्ली कैपिटल्स बनाम राजस्थान रॉयल्स खेला गया था। इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत आखिरी ओवर के दौरान अंपायरों के एक निर्णय से काफी नाराज दिखाई दिए थे।
मैच में दिल्ली को आखिरी ओवर में जीत के लिए 36 रनों की दरकार थी। राजस्थान की ओर से पारी का अंतिम ओवर ओबेद मैकॉय डालने आये। उनकी पहली दो गेंदों पर रोवमैन पॉवेल ने छक्के जड़े और इसके बाद तीसरी गेंद पर भी उन्होंने छक्का लगा दिया। हालाँकि तीसरी गेंद पर विवाद भी हुआ, क्योंकि पंत और टीम के बाकी खिलाड़ियों का मानना था कि तीसरी गेंद की ऊंचाई कमर से ऊपर थी और अंपायर को इसे नो बॉल करार देना चाहिए था। लेकिन अंपायरों ने इसे उचित गेंद बताया।
दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान इसी बात से नाराज हो गए और उन्होंने अपने बल्लेबाजों को मैदान से वापस आने का इशारा कर दिया। बाद में दिल्ली के सहायक कोच प्रवीण आमरे को अधिकारियों से बात करने के लिए मैदान पर भेजा गया। हालाँकि इसके बावजूद अंपायरों ने अपना फैसला नहीं बदला था और बाद में दिल्ली को 15 रन से हार मिली थी।