# 3 सुनील गावस्कर (भारत बनाम इंग्लैंड, लंदन, 1979): 221
सुनील गावस्कर सभी चार पारियों में दोहरा शतक बनाने वाले टेस्ट इतिहास के एकमात्र खिलाड़ी हैं। गावस्कर ने 1979-80 में भारत और इंग्लैंड के बीच लंदन के केनिंग्टन ओवल के चौथे टेस्ट की चौथी पारी में दोहरा शतक बनाया था। इंग्लैंड के 305 के जवाब में, भारत की पहली पारी 202 रनों पर सिमट गयी और इंग्लैंड को 103 रनों की पहली पारी की बढ़त हासिल हुयी। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 334-8 पर घोषित की और भारत को 438 रन का टारगेट दिया।
जवाब में मैच के चौथे दिन भारत ने बिना विकेट खोये 76 रन बना लिए और सभी को मैच के ड्रॉ होने की उम्मीद थी। गावस्कर ने 443 गेंदों में 221 रन बनाये और मैच ड्रॉ करने में अहम भूमिका निभाई।
#2 नैथन एस्टल ( न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड, 2002 में क्राइस्टचर्च में): 222
नैथन एस्टल की यह पारी क्राइस्टचर्च में इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में खेले गए पहले टेस्ट की चौथी पारी में आयी थी। पहली पारी में न्यूजीलैंड को 147 रन पर ऑलआउट करने के बाद इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने 550 रनों का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड लगातार विकेट खोती रही लेकिन एस्टल ने दूसरे छोर से रन बनाना जारी रखा। एस्टल ने मात्र 153 गेंदों में दोहरा शतक जड़ दिया। एस्टल 222 रन बनाकर आउट हो गए और अंत में न्यूजीलैंड मैच हार गयी।
#1 जॉर्ज हेडली (वेस्ट इंडीज बनाम इंग्लैंड सबीना पार्क, 1930): 223
इंग्लैंड ने सबीना पार्क में अपने 1929-30 के वेस्टइंडीज दौरे के चौथे टेस्ट में पहली पारी में 849 रन बनाये और जवाब में मेजबानों को 286 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इंग्लैंड ने इसके बाद दोबारा बल्लेबाजी की और 272-9 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। इस तरह वेस्टइंडीज को जीतने के लिए 835 रन का लक्ष्य मिला।
वेस्टइंडीज के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये जॉर्ज हेडली ने 385 गेंदों में 223 रन बनाये। टेस्ट की चौथी पारी में आज भी व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड हेडली के नाम है।