ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2-1 से पहली बार कंगारूओं की धरती पर टेस्ट सीरीज़ जीत हासिल की। इस टेस्ट सीरीज़ में चेतेश्वर पुज़ारा ने जहां बल्ले से अपना दम दिखाया तो वहीं गेंदबाज़ी में जसप्रीत बुमराह ने अहम रोल अदा किया जिस कारण भारतीय टीम को एक ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीत हासिल हुई।
अब टेस्ट सीरीज़ खत्म होने के बाद दोनों ही टीम 12 जनवरी से एक-दूसरे के खिलाफ तीन मैचो की वनडे सीरीज़ खेलने उतरेंगी। इस वनडे सीरीज़ का पहला मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा। वहीं सीरीज़ का दूसरा और तीसरा वनडे मैच एडिलेड और मेलबर्न के मैदान में खेला जाएगा। दोनों ही टीमों की नज़र इस वनडे सीरीज़ में विश्वकप की तैयारियों को लेकर होगी क्योंकि अब उसे शुरू होने में अधिक समय नहीं बचा है।
दोनों ही देशों ने इस वनडे सीरीज़ के लिए एक मजबूत टीम का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया टीम इस वनडे सीरीज़ में भारतीय टीम के मुकाबले थोड़ा अधिक मज़बूत होगी जिस कारण वह तीन मैचों की वनडे सीरीज़ को अपने नाम कर सकती है।
आइये एक नज़र डालते है, उन 5 कारणों पर जिस कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम इस वनडे सीरीज़ को अपने नाम पर कर सकती है:
#5. ऑस्ट्रेलियन टीम के पास है कई मैच विनर खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम में कई ऐसे खिलाड़ी मौजूद है, जो अपने दिन पर अकेले ही मैच जिताने की क्षमता रखते है और यह इस वनडे सीरीज़ में उनके जीतने अवसर को काफी बढ़ा देता है।
ग्लेन मैक्सवेल, आरोन फिंच, मिचेल मार्श और उस्मान ख़्वाजा अकेले ही पूरे मैच को पलटने की क्षमता रखते हैं। तीन मैचों की वनडे सीरीज़ होने के कारण यह बात भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, कि इन तीनों को रोकना किसी भी टीम के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है।
ग्लेन मैक्सवेल और आरोन फिंच इस टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं और उनके प्रदर्शन पर भी काफी कुछ निर्भर करने वाला है, जिससे इस वनडे सीरीज़ का रूख तय होगा।
#4. भारतीय टीम का मध्यक्रम
ऑस्ट्रेलिया में किसी भी टीम के लिए उनकी मध्यक्रम बल्लेबाज़ी काफी मजबूत होनी चाहिए। भारतीय टीम के शुरू के तीन बल्लेबाज़ शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली ने खुद को मैच विनर खिलाड़ी के रूप में हर बार साबित किया है, लेकिन यदि किसी मैच में इन तीनों का बल्ला ख़ामोश रहता है, तो भारतीय टीम का मध्यक्रम भी पिछले काफी समय से कुछ ख़ास नहीं कर सका है।
अंबाती रायडू घरेलू सीरीज़ में नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करते हुए शानदार फार्म में दिखाई दिए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हालात में उनकी बल्लेबाज़ी काफी परखी जाने वाली है। साल 2018 में महेंद्र सिंह धोनी अपनी बल्लेबाज़ी को लेकर काफी आलोचना झेल चुके हैं, वहीं केएल राहुल भी अपने करियर के सबसे ख़राब फार्म से इस समय गुज़र रहे हैं।
ऋषभ पंत 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए पुज़ारा के बाद सबसे अधिक रन बनाने वाले सीरीज़ में दूसरे बल्लेबाज़ थे, लेकिन वह इस तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में टीम का हिस्सा नहीं है, जिस कारण भारतीय टीम का मध्यक्रम काफी कमज़ोर दिखाई दे रहा है।
#3. वनडे टीम को कोई अभ्यास मैच नहीं
हार्दिक पांड्या इस तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहने वालेहैं , लेकिन उन्होंने अपनी इंजरी के बाद कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। बडौदा के इस ऑलराउंडर ने भारतीय टीम में चोट से वापसी से पहले घरेलू क्रिकेट में जरूर खेला था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हालातों में एक भी मैच ना खेलने के कारण पांड्या को वहां कि पिचों के अनुसार खुद को ढालने में काफी कठिनाई होने वाली है।
पांड्या इस तीन मैचो की वनडे सीरीज़ में खेलने वाले है, लेकिन बिना मैच प्रैक्टिस के कारण उनके लिए यह सीरीज़ आसान नहीं होने वाली है। साथ ही महेंद्र सिंह धोनी भी टी 20 सीरीज़ में टीम का हिस्सा नहीं थे और यह इस दौरे पर उनके लिए पहला मैच होने वाला हैं।
ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर किसी भी बल्लेबाज़ के लिए शुरू में खेलना काफी मुश्किल भरा होता है और भारतीय टीम के मैच विनर खिलाड़ी बिना किसी अभ्यास मैच के इस सीरीज़ में खेलने उतर रहे हैं, जो इस सीरीज़ के परिणाम पर असर जरूर डाल सकती है।
#2. ऑस्ट्रेलिया का नया तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण
टेस्ट सीरीज़ में भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क, जॉश हैजलवुड औऱ पैट कमिंस के तेज़ गेंदबाज़ी अटैक का सामना करना पड़ा था, जिस कारण टीम ने इन गेंदबाज़ो के खिलाफ एक रणनीति के तहत खेला था।
लेकिन यदि हम ऑस्ट्रेलिया की इस तीन मैचो की वनडे सीरीज़ के लिए गेंदबाज़ो पर नज़र डाले तो कई ऐसे नाम मिलेंगे जिनको भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इससे पहले नहीं खेला हैं, जिसमें झाय रिचर्ड्सन और जेसन बेहरनडॉर्फ़ जैसे 2 तेज़ गेंदबाज़ शामिल है। इसके अलावा लगभग 8 सालों के बाद वनडे टीम में तेज़ गेंदबाज़ पीटर सिडल भी वापसी कर रहे हैं। वहीं टीम में बिली स्टैनलेक के रूप में एक ऐसा तेज़ गेंदबाज़ मौजूद है जो अपनी लम्बाई से भी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकता है।
यह सभी तेज़ गेंदबाज़ टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे, सिर्फ पीटर सिडल को छोड़कर जिन्हें पूरी सीरीज़ के दौरान एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था, जिस कारण यह गेंदबाज़ी आक्रमण टीम को एक अलग आत्मविश्वास देता है औऱ भारतीय टीम के बल्लेबाजों को इनके खिलाफ एक नयी रणनीति बनाकर मैदान में उतरना पडेगा।
#1. ऑस्ट्रेलियाई मजबूत स्पिन अटैक
नाथन लायन ने भारतीय टीम के बल्लेबाजों को हमेशा मुश्किलों में डाला है अपनी ऑफ स्पिन के जरिए जिस कारण ऑस्ट्रेलियन टीम के चयनकर्ताओं भारत के खिलाफ इस ऑफ स्पिनर को वनडे सीरीज़ के लिए टीम में शामिल करना पड़ा। भारतीय टीम के बल्लेबाज़ साल 2018 में हुए इंग्लैंड के दौरे पर आदिल रशीद और मोईन अली की स्पिन जोड़ी के सामने काफी संघर्ष करते हुए दिखाई दिए।
लायन का इस वनडे सीरीज़ में उनका साथ देने के लिए टीम में युवा लेग स्पिनर एडम जम्पा भी मौजूद हैं, जो भारत के खिलाफ हुई टी20 सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज़ साबित हुए थे।
सीमित ओवरों में एक ऑफ स्पिनर और लेग स्पिनर की जोड़ी हमेशा किसी भी विरोधी टीम के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकती है और भारतीय टीम के लिए इन दोनों का सामना करना आसान काम नहीं होने वाला है।
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