#1 कमज़ोर मध्यक्रम को मज़बूत बनाना
अगर भारत को विदेशी परिस्थितियों पर जीत हासिल करनी है तो भारत के पास खेल के सबसे लंबे प्रारूप में एक मजबूत मध्य क्रम होना चाहिए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, शीर्ष 4 बल्लेबाजों को छोड़कर भारतीय मधयक्रम की बल्लेबाजी अच्छी नहीं दिखती है। ये कमी ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में पूरी तरह से उजागर हो गई थी और ये हालात विदेशी दौरे में भी अलग नहीं होंगे। अजिंक्य रहाणे का फॉर्म पिछले दो टेस्ट में 4, 0 और 2 जैसे कम स्कोर के साथ चिंतित रहा है। वह पिछली बार भारत के सर्वश्रेष्ठ विदेशी बल्लेबाज रहे थे। लिहाज़ा विदेशी दौरों पर रविचन्द्रन अश्विन, रिद्धिमान साहा और रवींद्र जडेजा के ऊपर बल्ले से ज़्यादा ज़िम्मेदारी संभालना एक कठिन काम होगा। भारत को नंबर-6 पर एक उपयुक्त बल्लेबाज की जरूरत है और अपने मौजूदा फॉर्म के साथ रोहित शर्मा इस नंबर के लिए सही उम्मीदवार हैं। पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ खेलने की उनकी क्षमता भी सहायक साबित हो सकती है भारत को मध्य क्रम के ढहने से सावधान रहने की आवश्यकता है जो कि पिछले कुछ विदेशी दौरों में चिंता का कारण रहे थे। भारत विदेशी परिस्थितियों में सिर्फ 5 बल्लेबाजों के साथ खेलने का जोखिम नहीं ले सकता। मध्यक्रम की परेशानी और हालिया फॉर्म को ध्यान में रखते हुए रोहित को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अंतिम एकादश में होना चाहिए। लेखक- प्रथमेश पाटिल अनुवादक- सौम्या तिवारी