एक ओवर में 6 छक्के, वाह! ये किसी भी बल्लेबाज़ का एक सपना होता और एक गेंदबाज़ के लिए बुरा ख़्वाब। ये क्रिकेट की दुनिया में एक दुर्लभ घटना है, लेकिन जब ऐसा होता है तब दुनियाभर के दर्शक दांतो तले उंगलियां दबा लेते हैं। याद कीजिए आईसीसी वर्ल्ड टी-20 2007 का वो मैच, जब डरबन के किंग्समीड मैदान में भारत के महान बल्लेबाज़ युवराज सिंह ने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाए थे।
ज़रा सोचिए उस मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड जब युवराज सिंह को अपने ओवर की छठी गेंद फेंक रहे होंगे तब उनके ऊपर कितना दबाव होगा। ऐसा नहीं है कि इस तरह की घटना पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट में हुई हो। उसी साल आईसीसी वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ़्रीकी ओपनर हर्शल गिब्स ने लगातार 6 गेंद में 6 छक्के लगाए थे। लेकिन आप किसी भी क्रिकेट फैन से पूछेंगे कि किसी ऐसे बल्लेबाज़ का नाम बताओ जिसने एक ओवर में 36 रन बनाए हैं तो निश्चित तौर पर वो युवी का ही नाम लेगा।
इसके पीछे 5 कारण हैं जिसकी चर्चा हम यहां कर रहे हैं, कि क्यों युवराज के 6 छक्कों को गिब्स के 6 छक्कों से ज़्यादा अहमियत दी जाती है। _________________________________________________________________________
#1 नीदरलैंड्स के मुक़ाबले इंग्लैंड एक बेहतर और मज़बूत टीम है
इंग्लैंड देश क्रिकेट का जनक है और नीदरलैंड्स आज भी इस खेल में अपना वजूद तलाश रहा है। इंग्लैंड टीम के ख़िलाफ़ किसी वर्ल्ड कप का मैच खेलना नीदरलैंड के ख़िलाफ़ खेलने से कहीं ज्यादा मुश्किल है। हमारे कहने का ये मतलब कतई नहीं है कि नीदरलैंड एक कमज़ोर टीम है, लेकिन अगर इंग्लैंड और नीदरलैंड की तुलना की जाए तो इंग्लिश टीम कहीं ज़्यादा मज़बूत नज़र आती है। गिब्स ने 6 गेंद में 6 छक्के नीदरलैंड टीम के ख़िलाफ़ लगाए थे जबकि युवराज ने यही कारनामा इंग्लैंड टीम के ख़िलाफ़ किया था।