टेस्ट क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांच दिन का होता है यह हम सभी देखते हुए आए हैं। वर्तमान समय में सबसे लम्बा प्रारूप टेस्ट क्रिकेट ही है। मुकाबले पांचवें दिन तक चलने के बाद ड्रॉ के रूप में समाप्त होते हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में एक मैच ऐसा भी था जो दस दिन तक चला था। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच 1939 में एक टेस्ट मैच दस दिन चला और फिर ड्रॉ हो गया।
इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर थी और डरबन में खेला गया पांचवां मैच दस दिन चला था। यह मुकाबला 3 मार्च से शुरू हुआ और 14 मार्च को ड्रॉ हुआ। ख़ास बात यह रही कि इस मैच में कुल बारह दिन थे लेकिन बीच में रेस्ट के दिन भी थे जिन्हें छोड़कर कुल दस दिन का खेल हुआ था।
टेस्ट क्रिकेट के दस दिन वाले मैच की कहानी
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने मैच की पहली पारी में 530 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 316 रन बनाए। दूसरी पारी में खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 481 रन बनाए। इंग्लैंड की टीम को 696 रन का लक्ष्य मिला जिसका काफी हद तक उन्होंने पीछा किया और दसवें दिन तक 5 विकेट पर 654 रन बनाए। आपसी सहमति से मैच को ड्रॉ मान लिया गया लेकिन इसके पीछे एक कहानी है।
इंग्लैंड की टीम का यह इस दौरे पर अंतिम मैच था और जहाज यानि शिप के कैप्टन को वापस देश जाना था। उसने इन्तजार करने से मना कर दिया इसलिए मैच को ड्रॉ मान लिया गया। इंग्लैंड की टीम को भी इस शिप में जाना था। इस तरह इस मैच का अंत ड्रॉ के रूप में समाप्त हुआ।
3 मार्च से शुरू हुए इस मैच में 5 मार्च को रेस्ट डे था। 11 मार्च को खेल नहीं हुआ और 12 मार्च को भी रेस्ट डे था। मैच में दोनों टीमों की तरफ से कुल दस अर्धशतक और छह शतक लगे जिनमें एक दोहरा शतक भी शामिल था। यह समय ऐसा था जब टेस्ट क्रिकेट के लिए निश्चित दिन नहीं होते थे।