वर्ल्ड कप (World Cup) में टीमों की संख्या बढ़ाने को लेकर पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हम इस बात की चर्चा 4 साल में सिर्फ एक बार करते हैं और वो भी तब जब वर्ल्ड कप का आयोजन होता है।
दरअसल 2019 के वर्ल्ड कप को केवल 10 ही टीमों तक सीमित कर दिया गया था। इससे पहले 14 टीमें हिस्सा लेती थीं। 2023 में होने वाले आगामी वर्ल्ड कप में भी 10 ही टीमों के खेलने की संभावना है।
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वर्ल्ड कप में टीमों की संख्या को लेकर आकाश चोपड़ा का पूरा बयान
अपने यू-ट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो में आकाश चोपड़ा ने कहा कि हर वर्ल्ड कप के बाद टीमें बढ़ाने को लेकर चर्चा की जाती है। एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
मेरे हिसाब से हम लोग इस बारे में चार साल में केवल एक ही बार बात करते हैं। 2019 का वर्ल्ड कप जब हुआ था तब भी ज्यादा टीमों को शामिल करने की बात हुई थी कि 10 टीमों का वर्ल्ड कप सही नहीं है। अब जब दोबारा वर्ल्ड कप होगा तब फिर से इसी चीज की चर्चा होगी।
अगर हम ये सोचते हैं कि विश्व कप चार साल पर होता है इसलिए इसमें ज्यादा टीमें खेलनी चाहिए तो ये सही नहीं है। क्योंकि 2019 वर्ल्ड कप के बाद अगर देखें तो कितनी बड़ी टीमों ने छोटी टीमों के खिलाफ खेला है। अगर इस बार कोरोना आ गया था तो हम 2015 से 2019 के बीच के समय को देख लेते हैं कि उस दौरान कितनी बड़ी टीमों ने छोटी टीमों के साथ सीरीज खेले थे। अगर वे चार साल में एक मुकाबले खेलेंगे तो फिर उनके क्रिकेट में सुधार नहीं होगा। टेस्ट मैच खेलने वाले हर बड़े देश को एक या दो एसोसिएट देश के खिलाफ जरुर खेलना चाहिए।
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