ऋषभ पंत की पारी को शतक के बराबर बताते हुए पूर्व खिलाड़ी ने दिया बड़ा बयान 

ऋषभ पंत ने कमाल की पारी खेली (PIC - BCCI)
ऋषभ पंत ने कमाल की पारी खेली (PIC - BCCI)

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) मोहाली टेस्ट के पहले दिन शतक से चूक गए। हालांकि उनकी पारी को स्टेडियम में बैठे सभी दर्शकों ने सराहा, साथ ही पूर्व खिलाड़ियों ने भी काफी तारीफ़ की। पंत की पारी को लेकर पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिनका मानना है कि उनकी 96 रन की पारी शतक से कम नहीं है।

श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आये पंत ने शुरू में समय लिया लेकिन फिर अपने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए नजर आये। उन्होंने 97 गेंदों का सामना करते हुए 96 रन बनाये। उनकी इस पारी का अंत सुरंगा लकमल ने किया। पंत और हनुमा विहारी (58) की शानदार पारियों की मदद से भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 357/6 का स्कोर बना लिया था।

अपने यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा ने पंत की पारी को लेकर कहा,

ऋषभ पंत, यह खिलाड़ी क्रिकेट को सुन्दर बना रहा है लेकिन वह हमें पूरी तरह से आनंद नहीं लेने दे रहा। क्योंकि वह पांचवीं बार 90s में आउट हुआ है। अगर कोई मुझसे कहता है कि यह नब्बे सौ से कम है, यह उचित नहीं है।
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पंत की पारी की अहमियत को बताये हुए उन्होंने आगे कहा,

भारत ने एक बार फिर खुद को थोड़ी परेशानी में पाया। हमने अपना चौथा विकेट 175 पर खो दिया। एक साझेदारी हुई, और फिर दूसरे छोर से एक और विकेट गिरता है, लेकिन यह आदमी (पंत) शानदार है।

हनुमा विहारी के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने पाए पंत ने पहले अय्यर के साथ अर्धशतकीय साझेदारी निभाई और फिर यही काम रविंद्र जडेजा के साथ भी किया और इस बार शतकीय साझेदारी की।

अपनी पारी के दौरान शॉट खेलते हुए पंत
अपनी पारी के दौरान शॉट खेलते हुए पंत

आकाश चोपड़ा ने ऋषभ पंत की पारी को फुटबाल मैच की तरह दो भागों में बांटा। उन्होंने कहा,

हम आम तौर पर कहते हैं कि फुटबॉल दो हिस्सों में खेला जाता है, और क्रिकेट एक तरह से चलता है, लेकिन ऐसा नहीं था। उनका पहला अर्धशतक लगभग 70 गेंदों पर आया, और उन्होंने 50 से 90 तक रास्ता काफी तेजी से तय किया।

श्रीलंकाई स्पिनरों के खिलाफ पंत की बल्लेबाजी का जिक्र करते हुए चोपड़ा ने कहा,

उन्होंने जो छक्के मारे, आपने उनका आक्रामक रूख देखा। यह हमें यह भी याद दिलाता है कि एक गेंदबाज उतना ही अच्छा है जितना आप उसे सम्मान देते हैं। उन्होंने केशव महाराज को साधारण बना दिया था, और यहां भी, उन्होंने कहा कि वह इन स्पिनरों को सम्मान नहीं देंगे। उन्होंने उन्हें गेंदबाजी नहीं करने दी।

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