कई बार खिलाड़ी दूसरों को ऐसी नसीहत दे जाते हैं, जो उनके करियर को संवार देती है। दक्षिण अफ्रीका टीम के वर्तमान कप्तान फाफ डू प्लेसिस को ऐसी ही नसीहत पूर्व खिलाड़ी एबी डीविलियर्स ने दी थी, जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका करियर बना दिया। दरअसल, डू प्लेसिस ने काउंटी क्रिकेट के लिए कोलपेक करार लैंकशायर के साथ 2010 तक के लिए साइन कर लिया था। इसके बाद वह काफी समय तक दक्षिण अफ्रीका के लिए नहीं खेल पाए थे। उनका करार 2010 में खत्म हुआ था, तब वह फिर से यह डील करने जा रहे थे। इसके बाद डीविलियर्स ने आगे आकर उन्हें सही राय दी। यह खुलासा खुद एबी डविलियर्स ने किया है।
उन्होंने बताया कि एक मौका ऐसा आया था, जब डू प्लेसिस फिर से कोलपेक करार करने के लिए तैयार हो रहे थे। उन्होंने मुझे फोन किया और पूछा कि तुम इस बारे में क्या सोचते हो। मैंने कहा कि अभी कुछ खिलाड़ी संन्यास लेने वाले हैं। कुछ लोग टीम से बाहर भी जा सकते हैं। कोच और टीम में कई लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं इसलिए कुछ दिन इंतजार करें। इसके बाद डू प्लेसिस को सफलता मिल ही गई। मैं इस बात का क्रेडिट नहीं ले रहा हूं लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने उन्हें सही राह दिखाई। डीविलियर्स और डू प्लेसिस बचपन में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी थे। दोनों अलग-अलग स्कूलों से खेलते थे। इसके बाद जब वो बड़े हुए तो एक टीम के साथ खेलते हुए दोस्त बन गए। डू प्लेसिस ने 2011 में भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना आगाज किया था।
विश्वकप में खेलने के बारे में डीविलियर्स कहते हैं कि मैं इस बड़े टूर्नामेंट में खेलने का इच्छुक था, लेकिन मैंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। आखिरी के तीन सालों में मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा। कभी मुझे टीम में चुना जाता था तो कभी नहीं। मुझे अपने घर में ही काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इन सब चीजों ने मुझे संन्यास लेने के लिए प्रेरित किया।
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