Abhishek Sharma vs Babar Azam T20I stats : टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में इस वक्त टीम इंडिया का जबरदस्त बोलबाला है। इस फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम लगातार जीत के रथ पर सवार है। तो साथ ही टीम इंडिया के बल्लेबाजों का कमाल देखने को मिल रहा है। भारत की इस यंग ब्रिगेड में 21 साल के युवा बल्लेबाज अभिषेक शर्मा अलग ही रंग में नजर आ रहे हैं। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में तूफानी शतक के बाद अभिषेक शर्मा टी20 इंटरनेशनल रैंकिंग में दूसरे स्थान पर आ गए हैं।
अभिषेक शर्मा और बाबर आजम की 17 T20I के बाद तुलना
अभिषेक शर्मा ने इस फॉर्मेट में अपने डेब्यू के बाद से ही खास छाप छोड़ी है। जहां वो बड़े-बड़े दिग्गजों को टक्कर दे रहे हैं। इसमें उनका प्रदर्शन पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज बाबर आजम से कम नहीं रहा है। बाबर भी टी20 फॉर्मेट में काफी शानदार रहे हैं। जिसमें उन्होंने रनों का अंबार लगाया है। भारत के इस युवा खिलाड़ी ने अब तक 17 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। तो चलिए अब जानते हैं 17 टी20 इंटरनेशनल मैचों के बाद अभिषेक शर्मा और बाबर आजम का कैसा रहा है प्रदर्शन।
बाबर आजम का 17 टी20 इंटरनेशनल में कैसा रहा है प्रजर्शन
पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान बाबर आजम इस वक्त अपने करियर में जरूर कुछ उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। लेकिन इस बल्लेबाज का टी20 फॉर्मेट में अलग ही जलवा रहा है। उन्होंने अब तक 128 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल लिए हैं। वहीं बाबर ने 17 टी0 इंटरनेशनल मैचों के बाद 577 रन बनाए थे। उन्होंने 48.08 की औसत और 122.51 की स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 3 अर्धशतकीय पारियां खेली थी, जिसमें 86 रन का उनका उच्चतम स्कोर रहा था।
अभिषेक शर्मा का 17 टी20 इंटरनेशनल मैचों के बाद सफर
अब अभिषेक शर्मा के टी20 इंटरनेशनल करियर पर बात कर लेते हैं। इस युवा बल्लेबाज ने पिछले ही साल अपने टी20 इंटरनेशनल करियर का डेब्यू किया है। इसके बाद से वो अब तक टीम इंडिया के लिए 17 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 16 पारियां खेली हैं, जिसमें वह 33.43 की औसत और 193.84 की स्ट्राइक रेट से 535 रन बना चुके हैं। अभिषेक ने 2 शतक और 2 अर्धशतक लगाए हैं।
भले ही टीम इंडिया का ये सितारा बाबर से रन और औसत में कुछ कम है। लेकिन 17 मैचों के सफर तक उन्होंने बाबर से ज्यादा स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए हैं। वहीं वो 2 शतक लगा चुके हैं, जबकि बाबर के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला था।