अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के प्रमुख ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से आग्रह किया है कि वो इंग्लैंड की जमीन पर अपने घरेलू मैच खेलने की उन्हें अनुमति दे। तालिबान के अधिग्रहण के कारण अफगानिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। अफगानिस्तान पर आईसीसी और अन्य क्रिकेट देशों से एकांतवास का खतरा मंडरा रहा है।
एशियाई क्रिकेट टीम इस समय अपने घरेलू ग्राउंड के रूप में शारजाह का उपयोग कर रही है और इसे जारी रखने की उम्मीद है। हालांकि, ईसीबी से उन्हें मदद की उम्मीद है कि यह मामला सुलझ जाए।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड प्रमुख कार्यकारी हामिद शिनवारी का लक्ष्य अगले साल यूके की यात्रा करने का है। शिनवारी का कहना है कि वे नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी करने के लिए ईसीबी के साथ आम सहमति तक पहुंचने की उम्मीद करेंगे।
शिनवारी के हवाले से द टेलीग्राफ ने कहा, 'हम अगले साल यूके जाने की योजना बना रहे हैं और उम्मीद है कि एमओयू पर करार होगा कि अफगानिस्तान की टीम इंग्लैंड में अपनी नियमित घरेलू सीरीज अन्य टीमों के खिलाफ खेले। इससे हमें बड़ा समर्थन मिलेगा। अफगानिस्तान के युवाओं के लिए अच्छी बात होगी।'
अफगानिस्तान इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेलने का मौका गंवा सकता है। तालिबान ने देश में महिलाओं के क्रिकेट पर पाबंदी लगा रखी है तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने होबार्ट में होने वाले टेस्ट को रद्द करने की धमकी दी थी। हालांकि, एसीबी ने अपने समकक्षों से तालिबान सरकार को मनाने के लिए कुछ समय मांगा है।
हम महिला क्रिकेट को बढ़ाना चाहते हैं: एसीबी प्रमुख
हालांकि, हामिद शिनवारी ने घोषणा की थी कि महिला क्रिकेटरों ने अफगानिस्तान नहीं छोड़ा है और वो अपने खेल को विकसित करना चाहती हैं।
शिनवारी ने कहा, 'हमारी महिला खिलाड़ी अब भी यहां हैं। उन्होंने अफगानिस्तान नहीं छोड़ा है। अधिकांश काबुल या अन्य जगहों पर हैं। हम महिला क्रिकेट का निर्माण करना चाहते हैं। हम सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जब तक हमारी सांस्कृतिक आवश्यकताएं पूरी हों, तब तक वे खेल सकें।'
बता दें कि अफगानिस्तान ने अब तक इंग्लैंड में एक मैच खेला है। इंग्लैंड ने यह मुकाबला 150 रन के विशाल अंतर से जीता था।