"विराट कोहली को एमएस धोनी मिले, यहाँ सीनियर खिलाड़ी कामयाबी को हजम नहीं कर पाते" - पाकिस्तानी बल्लेबाज का बड़ा बयान 

एमएस धोनी ने विराट कोहली का शुरुआत दौर में काफी समर्थन किया था
एमएस धोनी ने विराट कोहली का शुरुआत दौर में काफी समर्थन किया था

पाकिस्तानी बल्लेबाज अहमद शहजाद (Ahmed Shahzad) को शुरुआत में काफी ज्यादा हाइप मिला था और कई लोग उनकी तुलना विराट कोहली (Virat Kohli) से भी करते थे। हालांकि समय बीतने के साथ ही यह तुलना बिलकुल गलत साबित हुई और आज शहजाद के लिए टीम में जगह भी नहीं है। हालांकि, इस बल्लेबाज ने भारत और पाकिस्तान के सीनियर खिलाड़ियों के बीच बड़ा अंतर बताया, साथ ही उन्होंने एमएस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) का उदाहरण भी दिया।

विराट कोहली को अपने करियर के मुश्किल समय में पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी का काफी समर्थन मिला था। साल 2014 में इंग्लैंड के खराब दौरे के बाद, दाएं हाथ के बल्लेबाज पर काफी सवाल उठे और उन्हें बाहर करने की मांग भी हुई लेकिन धोनी ने विराट पर भरोसा बनाये रखा। उसी भरोसे की वजह से विराट की गिनती आज सबसे सफल बल्लेबाजों में की जाती है।

वहीँ शहजाद ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता है। यहाँ सीनियर खिलाड़ी कामयाबी से जलते हैं। क्रिकेट पाकिस्तान के साथ खास इंटरव्यू में शहजाद ने कहा,

मैंने यह पहले भी कहा है और मैं इसे फिर से कहूंगा, कोहली का करियर आश्चर्यजनक रूप से आगे बढ़ा क्योंकि उन्होंने एमएस धोनी का साथ पाया लेकिन दुर्भाग्य से, यहां पाकिस्तान में, आपके अपने लोग आपकी सफलता को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारे अपने सीनियर खिलाड़ी और पूर्व क्रिकेटर क्रिकेट की दुनिया में किसी को सफल होते देख हजम नहीं कर पाते हैं, जो पाकिस्तान क्रिकेट के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

हालिया खराब दौर में भी विराट कोहली को मिले सर्मथन को लेकर अहमद शहजाद ने साझा किये अपने विचार

अहमद शहजाद ने यह भी जिक्र किया कि किस तरह दो साल से शतक ना बना पाने के बावजूद, भारतीय टीम विराट कोहली का लगातार समर्थन कर रही है। जबकि उन्हें दो मैचों के खराब प्रदर्शन के आधार पर ड्रॉप कर दिया गया था और फिर वापस नहीं चुना गया। उन्होंने कहा,

कोहली पिछले दो साल से फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि मुझे दो मैचों के बाद बाहर कर दिया गया था। मुझे फैसलाबाद टूर्नामेंट में प्रदर्शन करने के लिए कहा गया था और मैं वहां सबसे ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी था लेकिन फिर भी मुझे दूसरा मौका नहीं दिया गया।

पाकिस्तान के लिए 150 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेल चुके, इस खिलाड़ी ने आख़िरी बार 2017 में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व किया था।

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