इंग्लैंड (England Cricket team) के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ (Andrew Flintoff) को बैजबॉल (Bazball) का टैग ज्यादा पसंद नहीं आया। हेड कोच ब्रेंडन मैकलम (Brendon McCullum) के मार्गदर्शन और बेन स्टोक्स (Ben Stokes) की कप्तानी में इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया, जिसमें उन्हें अब तक केवल एक शिकस्त झेलनी पड़ी है।
इंग्लैंड ने कुछ महीने पहले न्यूजीलैंड का 3-0 से सफाया करने के बाद दुनिया का बैजबॉल से परिचय कराया। इंग्लैंड की टीम अपनी आक्रामक सोच पर बरकरार रही और भारत के खिलाफ पांचवां टेस्ट जीतकर सीरीज बराबर की।
हालांकि, प्रोटियाज टीम के हाथों पहले टेस्ट में करारी शिकस्त झेलने वाली इंग्लिश टीम ओल्ड ट्रैफर्ड में जीत की दहलीज पर खड़ी है। बैजबॉल के बारे में अपनी भावनाएं स्पष्ट करते हुए फ्लिंटॉफ ने आई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने जो सुना, उसमें से यह सबसे खराब में से एक है। मेरी बैजबॉल में जरा भी दिलचस्पी नहीं है। इंग्लैंड इस समय मजेदार क्रिकेट खेल रही है और हर किसी को यह देखना पसंद है।'
इंग्लैंड की टेस्ट टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैकलम ने खुद स्वीकार किया कि वो बैजबॉल टर्म के बड़े प्रशंसक नहीं है। पूर्व कीवी कप्तान का मानना है कि इस शब्द ने पर्दे के पीछे की कहानी का दृश्य बदल दिया, जिससे पद्यति को परफेक्ट किया गया।
इयान बॉथम, एंड्रयू फ्लिंटॉफ और बेन स्टोक्स पर इंग्लैंड के फैंस को गर्व है। देश ने इतने बेहतरीन ऑलराउंडर्स दिए, जिनमें से एक इस समय टेस्ट टीम का नेतृत्व कर रहा है।
बेन स्टोक्स ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करते हुए कप्तान के रूप में अपना पहला टेस्ट शतक जमाया। ऑलराउंडर ने 163 गेंदों में 6 चौके और तीन छक्के की मदद से 103 रन बनाए और इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
फ्लिंटॉफ ने दावा किया कि वो इंग्लैंड के मौजूदा खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, 'शानदार दोस्त। उसे कुछ मैचों से इसका इंतजार था। मैं बेन को नहीं जानता। मैं मौजूदा पीढ़ी के कई क्रिकेटरों को नहीं जानता हूं। मैं 31 की उम्र में रिटायर हुआ, जो मुझे लगता है कि बहुत जल्दी था। मुझे उम्मीद थी कि कुछ और साल खेलता। मैं नहीं खेल सका क्योंकि मुझे लगता है कि मैं अभी भी खेलता और यह दुख देता है।'
चोटों के कारण एंड्रयू फ्लिंटॉफ को कम उम्र में संन्यास लेना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने शानदार विरासत छोड़ी, जो कि आज भी याद की जाती है।