इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुआ आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 का फाइनल मुकाबला काफी विवादों में रहा था। दोनों टीमों ने 50-50 ओवरों में बराबर स्कोर किया था। उसके बाद सुपर ओवर में भी दोनों का स्कोर बराबर पर ही रहा था लेकिन ज्यादा बाउंड्री के नियम के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था। ऐसे में 2023 में भारत की मेजबानी में होने वाले विश्वकप के लिए पूर्व भारतीय खिलाड़ी अनिल कुंबले की अगुआई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति अगली बैठक में बाउंड्री नियम सहित टूर्नामेंट के फाइनल से जुड़े कई मसलों पर चर्चा करेगी।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के महाप्रबंधक ज्योफ एलार्डिस ने बताया कि आईसीसी प्रतियोगिताओं में 2009 से मैच बराबर पर छूटने के बाद उसका फैसला करने के लिए सुपर ओवर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुपर ओवर भी टाई होने के बाद नतीजा उसी मैच की किसी चीज के आधार पर निकला जाता रहा है। इसलिए यह हमेशा उस मैच में लगी बाउंड्री की संख्या से जुड़ा था।
उन्होंने आगे कहा कि दुनियाभर की लगभग सभी टी-20 लीग में सुपर ओवर टाई होने पर बाउंड्री के नियम का सहारा लिया जाता है। हम भी उसी नियमों का उपयोग करना चाहते थे, जो सभी पेशेवर क्रिकेट में होता है। यही कारण है कि इसे लागू किया गया। अब क्या इससे कुछ अलग हो सकता है? इस पर हमारी क्रिकेट समिति विचार करेगी, ताकि फेयर डिसीजन लिया जा सके।
मालूम हो कि 14 जुलाई को लॉर्ड्स में खेले गए खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड ज्यादा बाउंड्री के आधार पर न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार विश्वकप विजेता बना था। पहले दोनों ने निर्धारित 50-50 ओवर में 241 रन बनाए थे। हालांकि, सुपर ओवर में भी दोनों ने बराबर-बराबर 15 रन बनाए । इंग्लैंड को 22 चौके और 2 छक्के लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया, जबकि न्यूजीलैंड की टीम 17 बाउंड्री ही लगा पाई थी।
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