भारतीय टीम ने इस बार ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज़ को जीतकर इतिहास रच दिया, क्योंकि 70 सालों में कोई भी भारतीय कप्तान वहां पर टेस्ट सीरीज़ को अपने नाम पर नहीं कर सका था। विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने 4 मैचो की बार्डर-गावस्कर सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम किया।
सिडनी में खेला गया सीरीज़ का आख़िरी मैच बारिश की खलल के कारण ड्रॉ पर रहा। पर पूरी सीरीज़ में भारतीय टीम का पलड़ा हर समय भारी दिखा और ऑस्ट्रेलियन टीम के लिए अपने ही घर पर उन्हें सीरीज़ जीत से रोकना असम्भव ही दिख रहा था। आखिरी मैच में भी कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला लिया।
रोहित के इस टेस्ट मैच में ना खेलने से लोकेश राहुल को एकबार फिर से अंतिम एकादश में शामिल किया गया लेकिन वह अपने खराब फॉर्म से ही जूझते दिखाई दिए। वहीं इस पूरी सीरीज़ में बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने वाले चेतेश्वर पुज़ारा ने एकबार फिर से कंगारू गेंदबाज़ो के लिए मुश्किले खड़ी की और 193 रनों की बेहतरीन पारी खेली।
इसके बाद विकेटकीपर ऋषभ पंत ने भी अपने टेस्ट करियर का दूसरा शतक लगाते हुए पहली पारी में टीम के स्कोर को 622 रनों पर पहुंचाने में महत्तवपूर्ण भूमिका अदा की। वहीं ओपनिंग बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल और ऑलराउंडर रविंदद्र जडेजा ने भी अर्धशतकीय पारियां खेलकर अहम योगदान दिया था।
वहीं दूसरी तरफ इस टेस्ट में अपनी पहली पारी खेलने उतरी कंगारू टीम के सामने भारतीय टीम की स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा का सामना करना था जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान काम नहीं दिखा । कुलदीप ने अपने टेस्ट करियर में दूसरी बार एक पारी में 5 विकेट हासिल करके ऑस्ट्रेलियन टीम को फॉलोआन खेलने पर मजबूर किया।
लेकिन फॉलोआन खेलने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम पर इंद्रदेव की मेहराबानी की वजह से जहां चौथे दिन का खेल जल्दी खत्म करना पड़ा तो वहीं आखिरी दिन को बारिश की वजह रद्द कर दिया गया और इस टेस्ट के ड्रा होने के साथ भारतीय टीम ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ को अपने नाम पर किया।
आइये इस सीरीज़ के दौरान 5 ऐसी प्रमुख बातों पर नज़र डालते हैं जो काफी अहम रहीं।
#1. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन पारियों को घोषित करने वाली भारत पहली टीम बनी
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मौजूदा समय में टेस्ट रैकिंग में नंबर एक पायदान पर काबिज़ भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में इस बात का प्रमाण दे दिया कि आखिर वह इस मुकाम क्यों हकदार हैं। पूरी सीरीज़ के दौरान ऑस्ट्रेलियन टीम के प्रदर्शन को देखा जाए तो वह भारतीय टीम को किसी भी तरह से चुनौती पेश नहीं कर सका।
ऑस्ट्रेलिया में किसी भी टीम के लिए टेस्ट में जीत हासिल करना करना आसान काम नहीं रहा है, लेकिन इस बार भारतीय टीम ने सीरीज़ जीतकर इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलियन तेज़ गेंदबाज़ो के सामने उन्हीं की पिचों में रन बनाना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए आसान काम नहीं है, पर कोहली ने मेलबर्न और सिडनी टेस्ट की पारियों को घोषित करके इसे गलत साबित कर दिया।
जिस कारण भारतीय टीम अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में तीन लगातार पारियां घोषित करने वाली पहली टीम बन गई हैं। कोहली की टीम ने सिर्फ टेस्ट सीरीज़ को अपने नाम पर नहीं किया बल्कि विरोधी टीम को इस बात का भी संदेश दिया हैं, कि उनकी आसपास भी नहीं हैं।
#2. कुलदीप यादव 5 विकेट हासिल करने वाले दूसरे विदेशी चाइनामैन गेंदबाज़ बने
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कुलदीप यादव जिन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही धर्मशाला में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेला था। उस टेस्ट मैच में कुलदीप की स्पिन को समझना किसी भी कंगारू बल्लेबाज़ के लिए आसान काम नहीं दिख रहा था।
उसके बाद से इस चाइनामैन गेंदबाज़ के खिलाफ कोई भी बल्लेबाज़ आसानी से खेलते हुए नहीं दिखा। लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट में कुलदीप ने खुद को साबित कर दिया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अभी पूरी तरह से अपने आप को साबित करना बाकी है। टेस्ट क्रिकेट में काफी कम मौके मिलने के बावजूद भी कुलदीप ने अपने प्रदर्शन से कभी निराश नहीं किया है।
भारतीय टीम के पास पहले से ही रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के रूप में शानदार स्पिनर टेस्ट क्रिकेट के लिए मौजूद हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर कुलदीप को अपना पहला टेस्ट खेलने का मौका सिडनी में मिला और उन्होंने इस बार भी किसी को निराश ना करते हुए ऑस्ट्रेलिया में दूसरे ऐसे बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर बने जिन्होंने एक पारी में 5 विकेट हासिल किए हैं।
#3. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीतने वाली भारत पहली एशियाई टीम बनी
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ऑस्ट्रेलिया का दौरा किसी भी टीम के लिए अभी तक आसान नहीं रहा है। टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सीरीज़ जीतने के इरादे से तो जाती हैं, लेकिन उन्हें वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ता था। ऑस्ट्रेलिया में किसी भी टीम के लिए क्रिकेट खेलने के साथ मानसिक रूप से मजबूत होना पड़ता था क्योंकि वह किसी भी टीम के साथ सीरीज़ शुरू होने से पहले मानसिक रूप से काफी दबाव बना देते थे।
भारतीय टीम ने इस बार टेस्ट सीरीज़ की काफी शानदार शुरूआत करते हुए एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में जीत हासिल करते सीरीज़ में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन कंगारू टीम ने पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शानदार वापसी करते सीरीज़ को 1-1 की बराबरी पर लाकर खड़ा दिया।
लेकिन कंगारू बल्लेबाज़ो के लिए भारतीय तेज़ गेंदबाज़ो का अपने ही पिचों पर सामना काफी मुश्किल दिख रहा था, जिस कारण बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारतीय टीम ने शानदार जीत हासिल करके सीरीज़ में 2-1 से अजेय बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद सिडनी में खेले गए सीरीज़ के आखिरी टेस्ट मैच में बारिश के कारण ड्रॉ पर खत्म करना पड़ा और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में किसी भी एशियन टीम की पहली टेस्ट सीरीज़ जीत के साथ भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया। एशियन टीमों ने इससे पहले 31 टेस्ट सीरीज़ ऑस्ट्रेलिया में खेली थी, जिसके बाद अब किसी टीम को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल हुई है।
#4. ऋषभ पंत इस कारनामे को करने वाले पहले विकेटकीपर बने
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भारतीय टीम के लिए इस दौरे पर पहले विकेटकीपर के रूप में रिद्धिमान साहा ही पसंद थे, लेकिन उनके चोटिल होने के कारण वह इस दौरे पर ना जा सके और ऋषभ पंत को खेलने का मौका मिल गया।
पंत जो आक्रामक बल्लेबाज़ी करने करने के लिए पहचाने जाने जाते हैं, उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित करना काफी मुश्किल भरा काम था। इंग्लैंड के दौरे पर पंत ने अपना पहला शतक लगाकर सभी को काफी प्रभावित किया था, उसके बाद विंडीज़ के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में भी पंत ने काफी शानदार बल्लेबाज़ी की थी।
पंत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस 4 मैचो की टेस्ट सीरीज़ में जहां विकेट के पीछे 20 से अधिक शिकार किए तो वहीं पूरी सीरीज़ में 300 से अधिक रन भी बनायें जिस कारण वह ऐसा करने वाले किसी भी सीरीज़ में भारतीय टीम की तरफ से पहले विकेटकीपर बन गए, जो उनके टेस्ट करियर को देखते हुए काफी बड़ी बात हैं।
#5. पुजारा ने खेली सबसे अधिक गेंदे
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विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले इस बात पर पूरा विश्वास था, कि उनके गेंदबाज़ शानदार प्रदर्शन करेंगे लेकिन टीम के बल्लेबाज़ो को लेकर थोड़ा संशय की स्थिति जरूर थी, क्योंकि इससे पहले दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के दौरे पर कोहली को छोड़कर कोई भी दूसरा भारतीय बल्लेबाज़ उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सका था।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर चेतेश्वर पुज़ारा ने जिस तरह से बल्लेबाज़ी की उसकी तारीफ पूरे क्रिकेट जगत में हो रही हैं। पूरी सीरीज़ में पुज़ारा ने जहां सबसे अधिक रन बनाये हैं, वहीं उन्होंने इस सीरीज़ में राहुल द्रविड़ के एक सीरीज़ में सबसे अधिक गेंदे खेलने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।
पुज़ारा ने इस टेस्ट सीरीज़ में कुल 1258 गेंदे खेलकर द्रविड़ के 1203 गेंदो के रिकॉर्ड को पीछे छोड दिया हैं। जहां इस सीरीज़ में दूसरे बल्लेबाज़ पिच पर खड़े नहीं हो पा रहे थे, तो वहीं पुज़ारा बिल्कुल अलग ही बल्लेबाज़ साबित हुए जिस कारण उन्हें मैन ऑफ दी सीरीज़ का खिताब भी दिया गया।