ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम वहां पहुँच गई है और नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में वहां सीमित ओवर सीरीज की शुरुआत हो जाएगी। टेस्ट टीम में रोहित शर्मा को बाद में शामिल किया गया। विराट कोहली पत्नी की प्रेगनेंसी के कारण एडिलेड टेस्ट के बाद स्वदेश लौट आएँगे। विराट कोहली की अनुपस्थिति में भारतीय टीम की मुश्किलें कम नहीं होगी। विराट कोहली का रिकॉर्ड भी ऑस्ट्रेलिया में काफी बेहतर रहा है और मैदान पर उनका आक्रामक रुख भी देखने लायक रहता है।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए यह जरुर राहत की बात होगी कि विराट कोहली अंतिम तीन टेस्ट मैचों में उनके सामने नहीं होंगे लेकिन भारतीय टीम के लिए यह चिंता का विषय रहेगा। नम्बर चार पर बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली ने धाकड़ प्रदर्शन किया है। इस नम्बर पर खेलते हुए रन बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है।
विराट कोहली पिछली बार नहीं थे ज्यादा सफल
पिछली बार भारतीय टीम ने जब ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था उस समय डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ बॉल टैम्परिंग मामले में बैन झेल रहे थे। विराट कोहली का बल्ला उस समय ज्यादा नहीं बोला लेकिन चेतेश्वर पुजारा ने जबरदस्त प्रदर्शन उस समय किया था। हालांकि कोहली के होते हुए विपक्षी टीम की मानसिकता पर भी असर पड़ता है। फॉर्म में नहीं होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इसके लिए एक पारी की जरूरत होती है। गेंदबाजों के मन में डर होता है कि बल्लेबाज कब चल जाए।
सीरीज में पूरी तरह से बाहर होने से गेंदबाजों को मानसिक तौर पर मजबूती मिलती है और कोहली जैसे खिलाड़ी के बाहर होने से टीम की वह आक्रामकता भी खत्म होती है। विराट कोहली की तरह आक्रामक इस भारतीय टीम में अन्य भारतीय खिलाड़ी नहीं है। उनके नहीं रहने से टीम के प्रदर्शन पर जरुर असर पड़ेगा, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। खिलाड़ी की मौजूदगी भर से विपक्षी टीम को हर बार रणनीति बनानी और मैदान पर लागू करनी पड़ती है लेकिन ऑस्ट्रेलिया को ऐसा नहीं करना पड़ेगा। नुकसान किसी को होगा तो वह सिर्फ भारतीय टीम को ही होगा। अन्य सभी खिलाड़ियों पर बड़ी जिम्मेदारी रहेगी।