भारतीय टीम ने वनडे सीरीज के अंतिम मैच से लेकर टी20 सीरीज के शुरुआती दो मैचों में जीत दर्ज करते हुए बेहतरीन खेल दिखाया। टी20 सीरीज के तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम के इस विजय रथ को रोक दिया। हालांकि मुकाबला कांटे का रहा लेकिन भारतीय टीम अपनी ही कुछ गलतियों के कारण 187 रनों के लक्ष्य से महज 12 रन दूर रह गई। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इस जीत के साथ ही अपनी प्रतिष्ठा बचाने का काम किया। भारतीय टीम से जीत की उम्मीद सभी को थी लेकिन इस बार फैन्स और सर्मथकों को निराशा हाथ लगी।
कंगारुओं ने मजबूती के साथ मुकाबले करते हुए भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों के साथ निपटने की रणनीति को मैदान पर सही तरीके से लागू किया। हालांकि नीली जर्सी वाली भारतीय टीम ने अपनी तरह से कोशिश पूरी की लेकिन अंत में ऑस्ट्रेलिया की टीम मैच में जीत दर्ज करने में सफल रही। भारतीय टीम की हार के कुछ कारणों के बारे में यहाँ जिक्र किया गया है।
भारतीय टीम की हार के कारण
भारत की खराब फील्डिंग
भारतीय टीम की खराब फील्डिंग के कारण ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 180 से ज्यादा रनों का स्कोर खड़ा किया। सबसे अहम बात ग्लेन मैक्सवेल के तीन कैच छोड़ना रही। ग्लेन मैक्सवेल का स्कोर जब 20 रन से नीचे था तब उनका पहला कैच छूटा और इसके बाद उन्होंने अर्धशतक बनाया। अर्धशतक तक के सफर में मैक्सवेल के तीन कैच भारतीय फील्डरों ने छोड़े और ये उन्हें भारी पड़े।
बीच के ओवरों में धीमी बल्लेबाजी
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए पावरप्ले के 6 ओवरों में पचास से ज्यादा रन बनाने में कामयाबी पाई लेकिन बाद में यह रन गति धीमी हो गई। शिखर धवन और संजू सैमसन के विकेट भी गिरे और बीच के 10 ओवरों में भारतीय टीम ने कम रन बनाए जिससे जरूरी रन रेट बढ़ा और बाद में टीम पर दबाव आ गया। बीच के दस ओवरों में महज 76 रन भारत ने बनाए।
मध्यक्रम की फ्लॉप बल्लेबाजी
केएल राहुल के जल्दी आउट होने के बाद शिखर धवन ने विराट कोहली के साथ मिलकर रन बनाए। इसके बाद संजू सैमसन जल्दी आउट हो गए और श्रेयस अय्यर अपना खाता भी नहीं खोल पाए। हार्दिक पांड्या पर इससे ज्यादा दबाव आया और रन रेट भी बढ़ गई। इस वजह से कोहली और पांड्या भी अंत में आउट हो गए और टीम को हार मिली।