ऑस्ट्रेलिया को वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले में हराकर भारतीय टीम ने अपनी साख बचाने का काम किया है। भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने इस बार पहले के दोनों मैचों की तुलना में बेहतर खेल दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराने में सफलता हासिल की। भारतीय टीम के लिए सभी खिलाड़ी अपनी भूमिका को समझते हुए मैदान पर उतरे और मेजबान ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़े। देखा जाए तो इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम बैकफुट पर नजर आई और भारतीय टीम ने कंगारुओं को कड़ी टक्कर वाले मुकाबले में 13 रनों से पराजित कर दिया।
डेविड वॉर्नर चोट के कारण नहीं खेले और निश्चित रूप से उनकी कमी ऑस्ट्रेलिया को खली होगी। इसके अलावा उनके कुछ अहम बल्लेबाज इस मैच में ज्यादा रन बनाने में नाकाम रहे। पिछले दोनों मैचों की तुलना करें, तो इस बार कंगारू टीम की बल्लेबाजी का स्तर कम रहा। इस जीत से भारतीय टीम को टी20 सीरीज में मदद मिलेगी। इस लेख में ऑस्ट्रेलिया की हार के प्रमुख कारणों के बारे में बताया गया है।
ऑस्ट्रेलिया की हार के कारण
विराट कोहली की उपयोगी पारी
पहली पारी में भारत की बल्लेबाजी के दौरान पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद तीसरे नम्बर पर विराट कोहली आए। वह पूरी तरह से पिच को पकड़कर खड़े हो गए और दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे। विराट कोहली ने धीमी लेकिन उपयोगी अर्धशतकीय पारी खेली। भारतीय टीम के स्कोर में उनके 63 रनों का प्रभाव काफी ज्यादा रहा और ऑस्ट्रेलिया के लिए यह अर्धशतक हार के कारणों में बदल गया।
पांड्या-जडेजा की साझेदारी
जब भारत का पांचवां विकेट 152 रन के कुल स्कोर पर गिरा तब यह लग रहा था कि अब 250 रन भी नहीं बनेंगे लेकिन हार्दिक पांड्या और रविन्द्र जडेजा ने इस धारणा को बदल दिया। दोनों ने मिलकर 150 रनों की अविजित साझेदारी छठे विकेट के लिए की। भारतीय टीम के लिए यह साझेदारी संजीवनी साबित हुई और टीम का स्कोर 300 रनों से बाहर गया।
शार्दुल ठाकुर की धाकड़ गेंदबाजी
शार्दुल ठाकुर को पहली बार इस सीरीज में खेलने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शार्दुल ने अपने स्पैल में 3 विकेट लेने के अलावा रन भी रोकने का काम किया। आईपीएल का अनुभव यहाँ झोंकते हुए शार्दुल ठाकुर ने मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति में अच्छी गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को लक्ष्य से 13 रन पहले ही आउट करने में अपना अहम योगदान दिया।