भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया चौथा टेस्ट मैच बारिश और खराब रोशनी के चलते ड्रॉ हो गया है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने 2-1 से ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट श्रृंखला जीतकर इतिहास रच दिया है। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत ने पहली बार टेस्ट श्रृंखला में विजय प्राप्त की है। अगर सिडनी टेस्ट का परिणाम मिलता तो भारतीय टीम इस श्रृंखला को 3-1 से भी जीत सकती थी।
पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट को छोड़ दें तो ऐसा कभी लगा ही नहीं की भारत विदेशी धरती पर खेल रहा है। बाकी के तीनों टेस्ट मैच में भारतीय टीम का दबदबा ऑस्ट्रेलिया पर कायम रहा है। ऑस्ट्रेलिया की अनुभवहीन टीम के सामने नंबर वन टेस्ट टीम इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।। एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट को जीतने के लिए भारत को बहुत मेहनत करनी पड़ी थी। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने शानदार वापसी करते हुए पर्थ टेस्ट को जीतकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर कर दिया था।
लेकिन विराट एंड कंपनी ने मेलबोर्न में खेले गए तीसरे टेस्ट में जबरदस्त वापसी करते हुए विपक्षी टीम को पूरी तरह से परास्त कर दिया। 137 रनों से तीसरा टेस्ट जीतने के बाद भारत ने टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से अजेय बढ़त हासिल कर ली थी। सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारत का ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का सालों पुराना सपना साकार हुआ है।
टेस्ट श्रृंखला के दौरान कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जबकि कुछ प्लेयर्स ने बेहद ही निराश किया। हम आपको श्रृंखला के तीन बेहतरीन और तीन सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है।
#1. सबसे श्रेष्ठ: चेतेश्वर पुजारा
ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है कि भारतीय खेमे में कोई बल्लेबाज विराट कोहली से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सुर्खियां बटोरने में सफल होता है। भारत के मध्य क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने यह कारनामा कर दिखाया है, श्रृंखला में 74.42 की शानदार औसत से चार टेस्ट की सात पारियों में सर्वाधिक 521 रन बनाने के लिए पुजारा को "मैन ऑफ द सीरीज" का खिताब दिया गया है।
यह कहना बिलकुल भी अतिशयोक्ति नहीं है कि पुजारा ने इस श्रृंखला में भारतीय टीम को जीत दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने श्रृंखला में तीन शतक लगाये और हर बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने में सहायता की है। आलोचकों द्वारा अक्सर पुजारा को धीमी गति से रन बनाने को लेकर कई बार आलोचना का सामना करना पड़ता है। लेकिन उनकी मैच जिताऊ पारियों को देखकर एक बात तो साफ है कि पुजारा वर्तमान भारतीय टीम के राहुल द्रविड़ है।
#2. सबसे खराब: लोकेश राहुल
लोकेश राहुल ने पिछले दो साल में जिस प्रकार का प्रदर्शन किया है, उसे देखकर उनके टीम में होने पर सवाल खड़े होना लाजमी है। खास कर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध इस श्रृंखला में राहुल ने पांच पारियों में चार बार दस से कम रन बनाये है। इतने खराब फॉर्म से गुजर रहे राहुल को बार बार मौके दिये जाने के कारण टीम मैनेजमेंट को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
टेस्ट श्रृंखला में राहुल ने 11.40 की साधारण औसत से केवल 57 रन बनाये है। विराट ने मजबूरन तीसरे टेस्ट में राहुल को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। मगर रोहित शर्मा के भारत वापिस लौट जाने के चलते राहुल को एक बार फिर से अंतिम टेस्ट के लिए टीम में स्थान दिया गया। हालांकि उनके प्रदर्शन में किसी तरह का कोई सुधार देखने को नहीं मिला है।
#3. सबसे श्रेष्ठ: जसप्रीत बुमराह
इसमें कोई दो राय नहीं है कि वर्तमान समय में जसप्रीत बुमराह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज है। इस बात पर एक बार फिर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध लाजवाब गेंदबाजी करते हुए मोहर लगा दी है। बुमराह ने टेस्ट श्रृंखला में सर्वाधिक 21 विकेट लिए है, यह विकेट ऐसे मौकों पर चटकाए है जब भारत को उनकी सबसे ज्यादा आवश्यकता थी।
बुमराह द्वारा मेलबोर्न टेस्ट की पहली पारी में 33 रन देकर 6 विकेट लेने के कारण भारत ने श्रृंखला में अपना प्रभुत्व स्थापित किया था। ऑस्ट्रेलिया का कोई भी बल्लेबाज बुमराह की गेंदों को खेलने में सक्षम नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पास मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे विश्वस्तरीय तेज गेंदबाज होने के बावजूद जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा है।
#4. सबसे खराब: मुरली विजय
भारत के लिए मुरली विजय और लोकेश राहुल की सलामी जोड़ी किसी सिरदर्द से कम नहीं है। दोनों ही बल्लेबाजों का सस्ते में विकेट फेंक देने का स्वभाव टीम की हार का मुख्य कारण बनकर उभरा है। मुरली विजय का टेस्ट करियर तो खत्म होने के कगार पर है। चार पारियों में केवल 49 रन बनाने के कारण उन्हें तीसरे टेस्ट से बाहर बिठा दिया गया था।
राहुल और मुरली विजय के स्थान पर युवा बल्लेबाज मयंक अगरवाल और पृथ्वी शॉ बेहद सराहनीय प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में मुरली विजय के लिए अब टीम में वापसी करना लगभग नामुमकिन प्रतीत होता है।
#5. सबसे श्रेष्ठ: विराट कोहली
एक बल्लेबाज के तौर पर विराट के लिए यह टेस्ट श्रृंखला इतने प्रभावशाली नहीं रही है, लेकिन भारतीय कप्तान के रूप में विराट का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट श्रृंखला जीतना विराट कोहली की कप्तानी का सबसे यादगार लम्हा है। विराट ने श्रृंखला में 40.28 की औसत से 282 रन बनाये है जिसमें एक शतक भी शामिल है।
दूसरे टेस्ट में मिली हार के बाद विराट की कप्तानी पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन उन्होंने तुरंत ही मुरली विजय और लोकेश राहुल को बाहर कर सबको मुंहतोड़ जवाब दिया था। मैदान पर भी खेल के दौरान उनके द्वारा लिए गये निर्णय भारत के लिए लाभदायी साबित हुए है।
#6. सबसे खराब: अजिंक्य रहाणे
भारत के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे को विदेशी दौरे पर टीम का सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाज माना जाता रहा है। लेकिन पिछले एक साल में भारत ने जितने भी विदेशी दौरे किये है उनमें रहाणे उतने असरदार साबित नहीं हुए है। इस श्रृंखला में भी रहाणे के प्रदर्शन से सभी को निराशा हाथ लगी है।
अजिंक्य रहाणे सात पारियों में सिर्फ 217 रन बनाने में कामयाब रहे है जिसमें केवल दो अर्धशतक शुमार है। मध्य क्रम में हनुमा विहारी का प्रदर्शन रहाणे से ज्यादा बेहतर रहा है। रहाणे को टेस्ट टीम में बने रहने के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार लाने की आवश्यकता है।