रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने रविवार को बांग्लादेश (Bangladesh Cricket team) के खिलाफ दूसरे टेस्ट में शानदार पारी खेलकर भारतीय टीम को तीन विकेट की जीत दिलाई। अश्विन ने नाबाद 42 रन बनाए और श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) के साथ आठवें विकेट के लिए 71 रन की अविजित साझेदारी की। इस शानदार प्रदर्शन के लिए अश्विन को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
अश्विन ने कहा कि वो टीम में योगदान जरूर देना चाहते थे, लेकिन उनका लक्ष्य था कि अपना विकेट बिना लड़ाई किए नहीं देंगे। अश्विन ने क्रिकबज से बातचीत में कहा, 'मेरी किसी अन्य बल्लेबाज से तुलना करना सही नहीं। वो बस मेरा दिन था।'
मैच के बाद अश्विन ने अय्यर की जमकर तारीफ की। उन्होंने प्रसारणकर्ता से बातचीत में कहा, 'यह उन मैचों में से एक था, जहां जब हम गेम खत्म कर सकते थे, वहां मैच हाथ से फिसलने का भी डर था। श्रेयस ने शानदार बल्लेबाजी की। कभी इन परिस्थितियों में आपको महसूस होता है कि आपको चीजों से आगे रहना है। उन्होंने अच्छी लाइन पर गेंदबाजी की और मेरा मानना है कि हमने अपने डिफेंस पर पर्याप्त भरोसा नहीं किया। श्रेयस अय्यर ने जिस तरह बल्लेबाजी की, वो कमाल रहे।'
अश्विन ने भारत को पिछले कुछ समय में बल्ले से अहम मौकों पर जीत दिलाई है। उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद दबाव वाले मैच में मैच विजयी रन बनाया था। इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ भी अश्विन ने शानदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।
भारत के अनुभवी क्रिकेटर ने कहा, 'मुझे बिना लड़ाई किए जाना अच्छा नहीं लगता है। 8 साल की उम्र से ही मैंने हमेशा अपने आप को मुश्किल परिस्थितियों में डाला है। तो मैं रोजाना कोशिश करता हूं कि लड़ाई करूं। दो मौके रहे, जहां मैंने सही दिशा में काम करके टीम को जीत दिलाई।'
भारतीय कप्तान केएल राहुल ने कहा कि जब बल्लेबाज मुश्किल पिच पर खेल रहे थे तो भारतीय ड्रेसिंग रूम में चिंता का माहौल बना हुआ था। मगर अश्विन ने खुलासा किया कि उन्हें चिंता का कोई अंदाजा नहीं था क्योंकि उन्हें विश्वास था कि चीजें नियंत्रण में हैं।
अश्विन ने कहा, 'मैं बल्लेबाजी पर जाने से पहले ड्रेसिंग रूम से बाहर बैठा था, तो मुझे नहीं पता कि अंदर क्या हो रहा था। मैं अन्य लोगों को बल्लेबाजी करते समय देखकर घबराया हुआ होता हूं, लेकिन जब मेरे हाथ में गेंद या बल्ला होता है तो मेरा हमेशा से मानना है कि मैं चीजें नियंत्रित कर सकता हूं।'