बीसीसीआई ने सीईओ राहुल जौहरी का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। लम्बे समय से पेंडिंग चल रहे इस्तीफे पर गुरुवार को अचानक बीसीसीआई ने फैसला लिया। बीसीसीआई में राहुल जौहरी ने दो साल तक कार्य किया था। पिछले साल दिसम्बर में राहुल जौहरी ने बीसीसीआई सीईओ पद से अपना इस्तीफ़ा दिया था।बीसीसीआई में सीईओ का पद सम्भालने से पहले राहुल जौहरी केन्द्रीय मन्त्री अनुराग ठाकुर के सचिव थे। अनुराग ठाकुर भी बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।यह भी पढ़ें:भारतीय टीम की वनडे क्रिकेट में 3 सबसे शर्मनाक हारबीसीसीआई में राहुल जौहरी का कार्यकाल ठीक नहीं रहाबतौर सीईओ बीसीसीआई में कार्य करते हुए राहुल जौहरी का कार्यकाल ठीक नहीं रहा है। उन पर महिला का योन शोषण करने का आरोप भी लगा था। मीटू मूवमेंट के समय यह हुआ था। इसके बाद तत्कालीन सीओए विनोद राय ने एक जांच कमेटी बनाई थी। उस जांच कमेटी ने अपनी जांच के आधार पर राहुल जौहरी को क्लीन चिट दे दी थी।पिछले साल दिसम्बर में राहुल जौहरी ने पद से इस्तीफ़ा दिया था लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया था। छह महीने से भी ज्यादा समय बीतने के बाद अचानक बीसीसीआई ने इसे स्वीकार कर लिया।यह भी पढ़ें:3 भारतीय बल्लेबाज जो रोहित शर्मा की तरह बन सकते हैंखबरें यह भी है कि जौहरी पर बीसीसीआई की गोपनीय चीजें लीक करने का शक था इसलिए इस्तीफ़ा मंजूर किया गया। पिछले साल सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद राहुल जौहरी ने अपना त्यागपत्र दिया था लेकिन उन्हें अप्रैल तक का एक्सटेंशन दिया गया था। उनके करार में 2021 तक का समय था। सौरव गांगुली और जय शाह बीसीसीआई से जुड़े सभी मामले देख रहे हैं इसलिए राहुल जौहरी की जिम्मेदारी भी कम हो गई थी। बताया जाता है कि इन सभी कारणों से उन्होंने अपना इस्तीफ़ा देना उचित समझा था। हालांकि जौहरी की तरफ से कभी कोई बयान नहीं आया।Just in: BCCI accepts CEO Rahul Johri's resignation. He will demit office this month pic.twitter.com/PKiLc9qQlW— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) July 9, 2020