इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में पहला मौका आया, जब कोई खिलाड़ी मांकड़िंग का शिकार हुआ। राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को विवादित तरीक से आउट करने के बाद किंग्स XI पंजाब के कप्तान की हर ओर आलोचना हो रही है। उन पर खेल भावना के विपरीत क्रिकेट खेलने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि, इस मुद्दे पर अब बीसीसीआई ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उसने कहा कि बोर्ड का कोई अधिकारी खेल भावना पर रविचंद्रन अश्विन को भाषण नहीं देगा।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस फिरकी गेंदबाज को खेल भावना पर भाषण देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। अश्विन ने जो किया, वह नियमों के ही दायरे में था। मैच के दौरान अंपायर और रैफरी दोनों मौजूद थे। उनका काम था कि मैच नियमों के दायरे में खेला जा रहा है कि नहीं। उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई तो फिर बाकी लोग कौन होते हैं। बीसीसीआई इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहता है। शेन वॉर्न इस मसले पर अश्विन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह राजस्थान रॉयल्स के ब्रैंड एम्बेस्डर हैं।
आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने मांकडिंग के मामले पर कहा था कि चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली की मौजूदगी में हुई बैठक में तय हुआ था कि टूर्नामेंट के दौरान कोई भी मांकड़िंग नहीं करेगा। इस पर बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजीव शुक्ला जिस बैठक का हवाला दे रहे हैं, वो नया नियम आने से पहले की बात है। उसमें कहा गया था कि मांकडिंग से पहले बल्लेबाज को एक बार गेंदबाज चेतावनी जरूर देगा। वरिष्ठ अधिकारी से जब यह पूछा गया कि क्या महेंद्र सिंह धोनी ऐसा करते तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं करते लेकिन इससे यह बात साबित नहीं होती है कि अश्विन गलत है। उसे क्रिकेट के नियमों की काफी जानकारी है। वह हमेशा खामियों का फायदा उठाएगा। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता है।
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