BCCI set to talk with Rohit Sharma and Gautam Gambhir after BGT: ऑस्ट्रेलिया दौर पर भारतीय टीम से जबरदस्त प्रदर्शन की उम्मीद थी और टीम इंडिया ने पर्थ में अपनी 295 रनों की धमाकेदार जीत से टेस्ट सीरीज का शानदार आगाज भी किया था लेकिन इसके बाद चीजें पूरी तरह विपरीत रहीं। भारत को एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट में करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ रहा। वहीं मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया ने फिर से जीत दर्ज की और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। भारत के खराब प्रदर्शन के लिए कई खिलाड़ी जिम्मेदार हैं लेकिन सबसे ज्यादा सवाल कप्तान रोहित शर्मा पर उठ रहे हैं, जो बल्ले के साथ-साथ कप्तानी के मोर्चे पर भी फ्लॉप हो रहे हैं। इसके अलावा हेड कोच गौतम गंभीर को भी निशाना बनाया जा रहा है। अब इन दोनों से बीसीसीआई भी बातचीत की तैयारी कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स थीं कि रोहित शर्मा से अजीत अगरकर ने बात की है और वह शायद सिडनी टेस्ट के बाद रेड बॉल क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। हालांकि, क्रिकबज ने ऐसी किसी भी बात का खंडन किया है लेकिन यह जरूर बताया है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद जरूर बातचीत होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जब तक रोहित 5वें टेस्ट के लिए खुद को अनुपलब्ध नहीं रखते, वह सिडनी में टीम का नेतृत्व करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अभी तक पूरी तरह फ्लॉप रहे हैं रोहित शर्मा
रोहित रेड बॉल क्रिकेट में व्यक्तिगत रूप में लंबे समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, जिसका प्रभाव शायद उनकी कप्तानी पर भी दिख रहा है। मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में वह पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बना पाए हैं। वहीं इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली घरेलू सीरीज के दौरान छह पारियों में निराशाजनक 91 रन और बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज में केवल 42 रन बनाए थे। इस तरह वह कुल मिलाकर 15 पारियों में 11 से भी कम की औसत से 164 रन ही बना पाए हैं।
गौतम गंभीर की भूमिका भी सवालों के घेरे में
क्रिकबज ने अपनी रिपोर्ट में ना सिर्फ रोहित शर्मा, बल्कि हेड कोच गौतम गंभीर की भूमिका को भी सवालों के घेरे में बताया है। गंभीर ने जुलाई में राहुल द्रविड़ को रिप्लेस किया था लेकिन उनके कार्यकाल में अभी तक भारत को खास सफलता हासिल नहीं हुई है। खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में टीम ने अभी तक एक भी मजबूत टीम से सीरीज नहीं जीती है। वहीं बीजीटी के बीच में ही अश्विन ने जिस तरह से संन्यास लिया, उससे ड्रेसिंग रूम के माहौल के भी नहीं होने का पता चलता है। हालांकि, इसमें गंभीर की कोई भूमिका नहीं बताई गई है लेकिन भविष्य में वह इसको लेकर बात करते नजर आ सकते हैं।
इस तरह की भी चिंता जताई जा रही है कि जब टीम चयन की बात आती है तो गंभीर चयनकर्ताओं के साथ शामिल नहीं होते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर दावों की बाढ़ आ गई है कि कोच और कप्तान दोनों कई फैसलों के बारे में एकमत नहीं हैं। उम्मीद की जा रही है कि बीसीसीआई नए सचिव के चयन के बाद विस्तृत चर्चा के जरिए सभी चिंताओं का समाधान करेगा।