BCCI Set to Follow National Governance Bill: मंगलवार को बीसीसीआई की तरफ से एक बड़ी खबर सामने आई। दरअसल, खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक में शामिल होगा, जिसे बुधवार को संसद में पेश किया जाना है। इस विधेयक के आने से बीसीसीआई को मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी को फायदा मिल सकता है। इससे उनका कार्यकाल अगले 5 सालों तक और बढ़ सकता है।पीटीआई के एक सूत्र ने इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए बताया, 'सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों की तरह, बीसीसीआई को भी इस विधेयक के अधिनियम बनने के बाद देश के कानून का पालन करना होगा। वे मंत्रालय से धन नहीं लेते, बल्कि संसद का एक अधिनियम उन पर लागू होता है। वे अन्य सभी एनएसएफ की तरह एक स्वतंत्र निकाय बने रहेंगे, लेकिन इस दौरान कोई विवाद होता तो वो प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के समक्ष आएंगे, जो चुनाव से लेकर चयन तक के खेल मामलों के लिए विवाद समाधान निकाय बन जाएगा।उन्होंने आगे बताया कि इस विधेयक का मतलब किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर सरकारी नियंत्रण होना नहीं है। इसमें सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में एक सुविधाकर्ता की भूमिका निभाएगी, ना कि उसे लागू करने की।खेल मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस कदम से बीसीसीआई समेतअन्य खेल महासंघों के लिए एनएसपी के अंतर्गत आना अनिवार्य हो जाएगा। मालूम हो कि बीसीसीआई एकमात्र प्रमुख खेल संस्था थी जो पहले सरकारी नियमों के अधीन नहीं थी। 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किए जाने के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी ओलंपिक अभियान में शामिल हो गया है।विधेयक के आने से रोजर बिन्नी को मिलेगी खुशखबरीइस विधेयक में प्रशासकों की आयु सीमा के पेचीदा मुद्दे पर कुछ रियायत मिलेगी। इसमें 70 से 75 साल के व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई है। हालांकि, इस दौरान शर्त ये है कि इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था इसमें आपत्ति ना जताए। NCB में एक अध्यक्ष होगा, जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। इस विधेयक के आने से रोजर बिन्नी को अगले पांच साल और बीसीसीआई के प्रेजिडेंट की भूमिका निभाने की अनुमति मिल जाएगी। बिन्नी मौजूदा समय में 70 साल के हैं और बीसीसीआई के मौजूदा नियमों के मुताबिक, इस उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति बोर्ड में कार्यरत नहीं रह सकता।