इंग्लैंड (England) के नए टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने हाल ही में कहा था कि उनकी कप्तानी की जिम्मेदारी का उनके ऑलराउंड खेल पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार दोनों अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया उनकी कप्तानी को लेकर चिंता जताते हुए चीजों को ज्यादा हाईलाइट कर सकता है।
बेन स्टोक्स ने कहा कि वह जिस तरह के खिलाड़ी हैं उसी तरह रहेंगे। एंड्रू फ्लिंटॉफ या इयान बॉथम बनने का प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग चीजें लिखते हैं वे अन्य लोगों को देखकर लिखते हैं जिन्होंने इस (कप्तानी) भूमिका में काम किया हो। मुझे 18 साल की उम्र से एंड्रू फ्लिंटॉफ और सर इयान बॉथम के टैग के साथ रहना पड़ा है। लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि मैं कभी भी फ्लिंटॉफ या बॉथम बनने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। मैं बेन स्टोक्स हूं।
गौरतलब है कि बॉथम को 1980 में इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया था। 66 वर्षीय बॉथम का कार्यकाल असफल साबित हुआ, उन्होंने 12 मैचों में टीम का नेतृत्व किया लेकिन एक भी गेम जीतने में सफल नहीं रहे। दूसरी ओर, फ्लिंटॉफ ने रेड-बॉल टीम के शीर्ष पर रहते हुए 11 मैचों में दो जीत हासिल की। इस तरह दोनों बेहतरीन ऑल राउंडरों की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम प्रदर्शन करने में नाकाम रही। दोनों की कप्तानी प्रभाव छोड़ने में विफल रही।
हाल ही में इंग्लैंड की टीम का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में खराब रहा है। यही कारण है कि जो रूट को कप्तानी से हटाने की मांग उठी। इसके बाद रूट ने खुद ही अपना पद छोड़ दिया। यह सब एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की करारी हार के बाद देखने को मिला। अब बेन स्टोक्स को नया कप्तान बनाया गया है। उनका नेतृत्व देखने लायक रहेगा।