यूं तो आईपीएल-9 का ये सीज़न राइसिंग पुणे सुपरजायंट्स के लिए अच्छा नहीं रहा जिसके कारण वो प्ले-ऑफ में भी अपनी जगह नहीं बना पाये, पर इसके साथ साथ भाग्य ने भी उनका साथ नहीं दिया। जी हाँ आप बिलकुल सही सोच रहे हैं यहाँ बात हो रही है उस दोस्ताने की जो पुणे की टीम और चोटों की है। एक के बाद एक पुणे के खिलाड़ियों का इस तरह से चोटिल होना और फिर शृंखला से बाहर होना पुणे की टीम की असफलता का कारण बना है, पहले केविन पीटरसन फिर फैफ डू प्लेसी फिर मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ चोटिल होकर टीम को बीच मझधार में छोड़ कर चले गए। लेकिन अभी भी मानो पुणे और चोट के बीच प्रेम प्रसंग जारी है। अगर आपने मंगलवार को पुणे और दिल्ली के बीच हो रहा मुक़ाबला देखा होगा, तो समझ ही गए होंगे। जी हां सही समझे आप हम बात कर रहा हैं, मैच के दौरान बल्लेबाज़ी करते हुए राइसिंग पुणे सुपरजायंट्स के जॉर्ज बेली की, जिन्हें एन कुल्टर नाइल की एक ज़बरदस्त बाउंसर का सामना करना पड़ा। गेंद का हेलमेट पर लगना था कि बेली भौचक्का रह गए और गेंद की तेज़ी के कारण उनका हेलमेट खुलकर नीचे गिर पड़ा और उसका कुछ हिस्सा भी टूट गया। बेली इस बाउंसर से भौचक्के तो थे ही, साथ ही उन्हे ये भी अहसास था कि कहीं उनका हेलमेट जाकर विकेट से ना टकरा जाए, क्योंकि ऐसा होने पर वह आउट होते और वापस जाना पड़ता। पर इन सब बातों में सबसे अहम बात ये थी कि उन्हें इसमें कहीं चोट नहीं आई और वो बिलकुल सही सलामत हैं और वह अभी भी टीम का हिस्सा हैं। इस चोट के बाद बेली ने कहा “जिन्होंने इसे टीवी पर देखा होगा उन्हें मुझसे ज़्यादा सही तरह से सब कुछ दिखा होगा पर मुझे जो उस वक़्त लगा वो सिर्फ ये था कि ऐसा महसूस हुआ कि मेरा चेहरा किसी ट्रक से टकरा गया हो, गेंद काफी तेज़ थी। पर मैं खुश हूँ कि मैं सही सलामत हूँ और अब मुझे नया हेलमेट भी पहनने को मिलेगा(हस्ते हुए कहा)"। ''जब गेंद हेलमेट से टकराई तो सभी मेरी तरफ़ तेज़ी से भागे और सभी ने मुझसे ख़ैरियत पूछी। उनमें से कुछ निराश थे कि मैं तो ठीक हूं पर हेलमेट जाकर विकेट से क्यों नहीं टकराया पर कुछ ऐसे भी थे जो सिर्फ मुझे ही देख रहे थे के मैं ठीक हूँ कि नहीं। एन कुल्टर नाइल भी काफी तेज़ी से भाग कर मेरी तरफ आए ये देखने कि मैं ठीक हूँ या नहीं।": जॉर्ज बेली फिलिप ह्यूज के साथ हुए हादसे के बाद ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट ने हेलमेट बनाने पर ये आदेश दिया है कि अब हेलमेट काफी उच्च स्तर पर बनाए जाए और उनमें पहले से ज़्यादा रक्षात्मकता हो।