एकदिवसीय क्रिकेट बहुत हद तक अब बल्लेबाज़ों का खेल बन चुका हैं। जहाँ कुछ साल पहले तक 300 को एक बहुत ही अच्छा स्कोर माना जाता था और उसका पीछे करने में विपक्षी टीम के पसीने छूट जाते थे, वहीँ आज 350 और यहाँ तक की टीमें 400 के स्कोर का पीछा करने के भी बहुत करीब पहुँचती जा रही है।
एकदिवसीय क्रिकेट में आये इस बदलाव के कुछ प्रमुख कारण हैं और उनमे से एक कारण है पिचों का काफी सपाट होना। आजकल ऐसे देश जो अपनी कठिन पिचों क लिए जाने जाते थे, जैसे इंग्लैंड, वहा की पिचें भी काफी सपाट बनाई जा रही हैं जिससे बल्लेबाज़ी बेहद आसान प्रतीत होती हैं। हमने कुछ ही दिन पहले समाप्त हुई पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेली गयी सीरीज़ में देखा की कैसे लगभग हर मैच में ही दोनों टीमें 300 रन के स्कोर के ऊपर बना रही थी।
पिचों के अलावा एक और कारण जिसने एकदिवसीय क्रिकेट के संतुलन को काफी हद तक बल्लेबाज़ों के पक्ष में कर दिया है वो है दो नयी गेंदों का इस्तेमाल। पहले जब बस एक गेंद का इस्तेमाल होता था तो गेंद पारी के आखिरी के कुछ ओवरों में रिवर्स स्विंग होती थी जिससे गेंदबाज़ो को काफी मदद मिलती थी पर आज कल दो नयी गेंदों के इस्तेमाल की वजह से गेंद उतनी पुरानी नहीं हो पाती की गेंदबाज़ी में रिवर्स स्विंग प्राप्त हो।
हालांकि आज तक का एकदिवसीय क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 481 है जोकि इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था, पर वो दिन दूर नहीं जब एकदिवसीय क्रिकेट में हमें 500 के स्कोर भी देखने को मिल सकते हैं। आज हम 4 ऐसी टीमों के बारे में बात करेंगे जिनके पास आगामी विश्व कप में 500 रन का स्कोर खड़ा करने की क्षमता हैं।
#1. भारत
भारत के पास शायद दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टॉप आर्डर हैं। भारत के पहले तीन बल्लेबाज़, शिखर धवन, रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली, तीनो उच्च कोटि के बल्लेबाज़ हैं और तीनो के पास दुनिया के किसी भी गेंदबाज़ी क्रम के सामने अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है।
रोहित, धवन और कोहली के बारे में सबसे अच्छी बात ये है की जब ये क्रीज़ पर अपनी नज़रें जमा लेते हैं तो लम्बी पारियां खेलते हैं और बड़े शतक बनाते हैं। रोहित शर्मा के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में तीन दोहरे शतक दर्ज हैं जोकि एक विश्व कीर्तिमान हैं और दिखाता है कि अगर वो क्रीज़ पर कुछ वक़्त बिता लेते हैं तो विपक्षी टीम के लिए कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं।
भारत के मध्य क्रम में जरूर कुछ खामियां हैं पर भारत के पास दो ऐसे बल्लेबाज़ हैं, हार्दिक पांड्या और महेंद्र सिंह धोनी, जो आखिरी के ओवर्स में लम्बे छक्के लगाने में सक्षम हैं और अगर भारत को टॉप ऑर्डर से एक अच्छी शुरुआत मिलती है तो ये टीम 500 रन का आंकड़ा जरूर छू सकती है।
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#2. ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के लिए 2018 उतना अच्छा साबित नहीं हुआ और उसका कारण था की उनके दो प्रमुख बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ बॉल टैंपरिंग विवाद की वजह से निलंबित थे। हालांकि अब दोनों के निलंबन की अवधि समाप्त हो गयी है और दोनों विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम में वापस लौट आये हैं।
वॉर्नर और स्मिथ का फॉर्म भी काफी अच्छा दिख रहा है। जहाँ वॉर्नर ने आईपीएल में 600 के करीब रन बनाये थे, वही स्मिथ ने विश्व कप से पहले खेले गए ऑस्ट्रेलिया के पहले वार्म उप मैच में एक शानदार शतक लगा कर अपने फॉर्म में होने का प्रमाण दे दिया हैं।
वॉर्नर और स्मिथ के अलावा भी ऑस्ट्रेलिया के पास कुछ विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं, जैसे की कप्तान आरोन फिंच, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोइनिस। अगर ये सभी बल्लेबाज़ विश्व कप में फॉर्म में रहे हैं तो ऑस्ट्रेलिया भी 500 के स्कोर को पार करने की काबिलियत रखती है।
#3 इंग्लैंड
इंग्लैंड की टीम पिछले विश्व कप में लीग स्टेज से ही बाहर हो गयी थी और उसके बाद उन्होंने अपने एकदिवसीय क्रिकेट खेलने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया। जहाँ पहले वो ठोस और तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज़ों को तरजीह दिया करते थे, अब उनकी टीम में ज्यादातर वैसे बल्लेबाज़ शामिल हैं जो शक्तिशाली शॉट्स लगा सकते हैं और तेज़ गति से रन बना सकते हैं। अपने खतरनाक बल्लेबाज़ी क्रम के दम पर ही इंग्लैंड आईसीसी रैंकिंग में सबसे ऊँचे स्थान पर काबिज़ हैं।
इंग्लैंड के बल्लेबाज़ विकेट गिरने के बावजूद भी अपनी रन गति पर अंकुश नहीं लगाते हैं और पूरी पारी के दौरान चौके और छक्के ढूंढते रहते हैं। उसका एक बड़ा कारण है उनकी बल्लेबाज़ी में गहराई का होना। उनके बल्लेबाज़ों के अलावा उनके गेंदबाज़ जो निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते हैं वो भी बड़े शॉट्स खेलने में सक्षम हैं।यही कारण है की इंग्लैंड विश्व में 500 रन बनाने की सबसे प्रबल दावेदार हैं |
#4 वेस्टइंडीज
एक समय था जब 70 के दशक में वेस्ट इंडीज दुनिया की सबसे खतरनाक टीम मानी जाती थी। लेकिन उनके क्रिकेट का ग्राफ पिछले 20 -25 सालो में काफी नीचे आया है और दो साल पहले तो आलम ये था की वो इंग्लैंड में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालिफाई भी नहीं कर पाए थे।
पिछले कुछ महीनो में जैसन होल्डर की कप्तानी में वेस्ट इंडीज की क्रिकेट में काफी सुधार आया है। हालांकि वेस्ट इंडीज को अभी भी एकदिवसीय क्रिकेट में दुनिया की सशक्त टीमों में से एक नहीं गिना जाता और वो आगामी विश्व कप जीतने के एक प्रमुख दावेदार नहीं हैं, पर उनकी टीम में शक्तिशाली बल्लेबाज़ों की भरमार है।
चाहे क्रिस गेल की बात करें या एविन लुइस की, निकोलस पूरन की बात करें या शिमरॉन हेटमायर की, आंद्रे रसेल की बात करें या कार्लोस ब्रैथवेट की, ये सभी बल्लेबाज़ बॉल को दर्शक दीर्घा में पहुंचाने में माहिर हैं और वेस्टइंडीज के भी आगामी विश्व कप में 500 रन बनाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।