वे क्रिकेटर जिन्होंने मौत को बहुत करीब से देखा है

yuvraj singh

कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि क्रिकेट दुनिया में लोकप्रियता के मामले में दूसरे स्थान पर आता है। बेशक अभी तक अमेरिकी देशों पर यह खेल अपनी पकड़ ना बना पाया हो, लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसा देखा गया है कि अमेरिकी लोगों की भी क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है।

लोकप्रियता के मामले में पहले स्थान पर फुटबॉल है और दूसरे स्थान पर क्रिकेट। खैर खेल जो भी हो, खिलाड़ियों की मेहनत का अंदाजा लगाना हम जैसे आम लोगों के लिए बहुत कठिन है। किसी भी खेल में चोट लगना आम बात है और क्रिकेट में भी यह दौर जारी रहा है।

इस आर्टिकल में हम ऐसे कुछ क्रिकेटर्स के नाम आपके सामने रखने वाले हैं जिन्होंने मौत का चेहरा काफी करीब से देखा है। इन खिलाड़ियों ने मौत के मुंह से बाहर निकलकर दुनिया भर में अपने देश का परचम लहराया।

3) युवराज सिंह- फेफड़ों का कैंसर

Yuvraj Singh

2011 विश्व कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे ऑल-राउंडर युवराज सिंह ने 90 से भी अधिक की औसत से 362 रन बनाए थे और साथ ही साथ 15 विकेट लेकर भारत को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई। दुखद बात यह रही कि 2011 विश्व कप में खेले मैचों में कई बार युवराज पर यह बीमारी हावी होती दिखाई दी थी।

खून की उल्टियाँ होने के बाद भी वो मैदान पर डटे रहे और अपने देश के प्रति समर्पण की भावना उन्हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बाहर खींच लाई।

दुर्भाग्यवश वो अब संन्यास लेने के बेहद करीब पहुँच चुके हैं और उन्हें टीम में जगह मिलेगी भी या नहीं, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। उनका कहना है कि वो रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे हैं लेकिन बीसीसीआई से उन्होंने आग्रह किया है कि उन्हें इससे पहले विदेशी टी20 लीग्स में खेलने की इजाजत दी जाए।

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2) मुथैया मुरलीधरन- सूनामी की चपेट में आने से बचे

Muttiah Muralitharan is the leading wicket taker in Test and ODI cricket as well

मुथैया मुरलीधरन विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड है। टेस्ट क्रिकेट में वो 800 विकेट लेने वाले आज भी दुनिया के पहले गेंदबाज हैं।आपको याद दिला दें कि साल 2004 में दक्षिण भारत के तटीय इलाकों और श्रीलंका के कुछ हिस्से को सुनामी ने अपनी चपेट में ले लिया था।

यह श्रीलंकाई खिलाड़ी अपने परिवार के साथ गॉल (श्रीलंका) का ही रुख कर रहे थे। यह वही इलाका था जिसे समुद्री लहरों के कारण सबसे अधिक नुकसान पहुंचा था। मुरलीधरन का ये भी कहना था कि वो एक चैरिटी इवेंट में जा रहे थे, रास्ते में ही एक बस जिसमें करीब पचास बच्चे थे, वो बस इन लहरों में कहाँ खो गई किसी को पता ही नहीं चला।

1)पूरी श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुआ आतंकी हमला

ajantha mendis

यह बात किसी एक खिलाड़ी की नहीं बल्कि पूरी टीम की हो रही है। करीब दस साल(2009) पहले की बात है जब श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। 3 मार्च 2009 को श्रीलंकाई खिलाड़ी बस से लाहौर के गद्दाफ़ी स्टेडियम का रुख कर रहे थे। तभी बारह हथियारबंद आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया।

हमले में श्रीलंकाई टीम के 6 खिलाड़ी घायल हुए, 6 पाकिस्तानी पुलिसकर्मी और दो मासूमों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। जांच में पाया गया कि बारह आतंकी लिबर्टी स्क्वायर के पास छिपे हुए थे और बस के आने का इंतज़ार कर रहे थे।

दौरा यहीं रोक दिया गया और मेहमान टीम को अगली ही फ्लाइट से स्वदेश भेज दिया गया। चोटिल हुए खिलाड़ियों में थिलन समरवीरा, अजंता मेंडिस, महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, चामिंडा वास, थरंगा परणविताना और सुरंगा लकमल शामिल थे।

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Edited by Naveen Sharma