एक व्यस्त और शानदार इंडियन प्रीमियर लीग के बाद, अब सभी क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान 30 मई से इंग्लैंड में शुरू होने जा रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 पर है। इसके लिए सभी 10 टीमें अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हैं।
हालांकि आयरलैंड, स्कॉटलैंड और जिम्बाब्वे जैसे टीमों ने इस बार आईसीसी के इस प्रमुख टूर्नामेंट में टीमों की संख्या में कमी को लेकर अपनी आपत्ति जताई है लेकिन विश्व की सर्वश्रेष्ठ दस टीमों के बीच होने वाले इस टूर्नामेंट का रोमांच अब और भी ज़्यादा बढ़ गया है।
तो इस तरह से इन दस टीमों में से कोई भी टीम यह वर्ल्ड कप जीत सकती है। लीग चरण में चोटी पर रहने वाली शीर्ष टीमें सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश कर जाएँगी। इस तरह से सभी टीमों के लिए प्रत्येक मैच बेहद अहम होने वाला है। यहां हम लीग चरण के बाद इन दस टीमों की अंक-तालिका में स्थिति के बारे में एक भविष्यवाणी करेंगे। तो आइये जानते हैं यह दस टीमें
#10. श्रीलंका
2015 के वर्ल्ड कप के बाद से श्रीलंकाई टीम अपनी लय में नज़र नहीं आई है। श्रीलंका को ऑल-राउंडर एंजेलो मैथ्यूज से टीम को संभालने की उम्मीद थी लेकिन फिलहाल वह भी चोटों से जूझ रहे हैं।
यह बात इस तथ्य से साबित होता है कि उन्होंने सितंबर 2018 के बाद से एक भी एकदिवसीय मैच नहीं खेला है। बहरहाल, वर्ल्ड कप के लिए टीम प्रबंधन ने दिमुथ करुणारत्ने को नया कप्तान नियुक्त किया है जिन्होंने आखिरी बार 2015 में टीम का प्रतिनिधित्व किया था।
इसके अलावा टीम में कुसल परेरा, कुसल मेंडिस और लसिथ मलिंगा जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी से यह टीम किसी भी बड़ी टीम को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है।
#9. अफगानिस्तान
यदि पिछले विश्व कप के बाद से किसी टीम ने अपने खेल के स्तर को ऊँचा उठाया है तो वह अफ़ग़ानिस्तान है। उन्होंने हाल ही में सीमित ओवरों के प्रारूपों में कुछ शानदार मुकाबले जीते हैं। इंग्लैंड की तेज़ पिचों पर भी राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान जैसे स्पिनर कमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा उनकी बल्लेबाजी में भी शीर्ष क्रम पर मोहम्मद शहजाद और हज़रतुल्लाह ज़ज़ई की विस्फोटक सलामी जोड़ी होगी। जबकि मध्य क्रम में असगर अफगान, समीउल्लाह शेनवारी और रहमत शाह जैसे बल्लेबाज़ों पर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी होगी। नए कप्तान गुलबदीन नैब के नेतृत्व में यह टीम जॉइंट-किलर बनने का माद्दा रखती है।
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#8. पाकिस्तान
वर्ल्ड कप से ठीक पहले पाकिस्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ एक एकदिवसीय श्रृंखला खेली है। हालाँकि परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा लेकिन फिर भी इससे उन्हें अपने खिलाड़ियों को इंग्लैंड की परिस्थितियों में ढालने में मदद मिलेगी। हालाँकि, अपनी पिछली दोनों एकदिवसीय श्रृंखलाओं में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है लेकिन फिर भी उनके लिए सबसे बड़ी सकारात्मक बात यह रही कि उनके शीर्ष बल्लेबाज़ इस समय शानदार फॉर्म में हैं और बड़े स्कोर करने में कामयाब रहे हैं।
सलामी बल्लेबाज़ इमाम उल हक और फखर जमान पिछले लगभग एक साल से कुछ शानदार पारियां खेलने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा उनके मध्य-क्रम में भी कई दिग्गज खिलाड़ी हैं।
#7. वेस्टइंडीज
वर्ल्ड कप 2019 में वेस्टइंडीज टीम छुपी-रुस्तम साबित हो सकती है। उनके पास क्रिस गेल, आंद्रे रसेल जैसे दिग्गज विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं जो अकेले दम पर किसी भी मैच का पासा पलटने का माद्दा रखते हैं।
जमैका के तूफानी बल्लेबाज़ क्रिस गेल इस समय शानदार फॉर्म में हैं और आंद्रे रसेल ने आईपीएल में केकेआर को अपनी तूफानी बल्लेबाज़ी से कई मैच जिताये थे। इसके अल्वा उनके पास शाई होप, शिमरोन हेटमायर और एविन लुइस जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। गेंदबाज़ी विभाग में केमार रोच, शैनन गेब्रियल और ओशेन थॉमस की उपस्थिति में टीम की गेंदबाज़ी भी मजबूत है।
#6. बांग्लादेश
वर्ल्ड कप 2007 में भारतीय टीम को हराकर बड़ा उलटफेर करने वाली बांग्लादेशी टीम दोबारा जायंट-किलर बनने का पूरा माद्दा रखती है। इस टीम ने लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार किया है जिसकी सबसे बड़ी वजह शाकिब अल हसन, मुश्फिकुर रहीम, तमीम इकबाल और मशरफे मोर्तजा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की टीम में मौजूदगी है।
कप्तान महमुदुल्लाह अपनी टीम से दोबारा पिछले वर्ल्ड कप जैसा प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद करेंगे।
#5. न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड ने हमेशा आईसीसी टूर्नामेंटों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। केन विलियमसन के रूप में उनके पास एक शानदार कप्तान हैं जो रॉस टेलर और मार्टिन गप्टिल की अनुभवी जोड़ी के साथ कीवी बल्लेबाज़ी को मजबूती प्रदान करते हैं।
जेम्स नीशम, कॉलिन डी ग्रैंडहोम और मिचेल सैंटनर जैसे ऑलराउंडरों की मौजूदगी में यह टीम काफी संतुलित नज़र आती है। टूर्नामेंट में उनकी सबसे बड़ी चिंता तेज गेंदबाजों की कमी होगी।
#4. दक्षिण अफ्रीका
पिछले वर्ल्ड कप के विपरीत, दक्षिण अफ्रीका इस बार इस टूर्नामेंट को जीतने की प्रबल दावेदार नहीं मानी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उनका अस्थिर मिडिल ऑर्डर। जबकि उनके शीर्ष क्रम में क्विंटन डी कॉक, हाशिम अमला और फाफ डू प्लेसी जैसे बल्लेबाज़ों की मौजूदगी इस टीम की सबसे बड़ी ताकत है।
जीन-पॉल डुमनी और डेविड मिलर को प्रोटियाज को ख़िताब की दौड़ में बनाये रखने के लिए अच्छी पारियां खेलनी होंगी।
आईपीएल 2019 में कगिसो रबाडा और इमरान ताहिर ने ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की है जिसका फायदा उनकी टीम को विश्व कप में मिलेगा। इसके अलावा दिग्गज पेसर डेल स्टेन ने भी अपने आखिरी वर्ल्ड कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे।
#3. ऑस्ट्रेलिया
इस साल की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया के ख़राब प्रदर्शन के कारण वह भारत के खिलाफ टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला हार गए थे। लेकिन उन्होंने इसके बाद अगले महीने, फरवरी में भारत को 3-2 से हराकर जोरदार वापसी की। फिर उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में एकदिवसीय श्रृंखला में पाकिस्तान को 5-0 से हराकर फॉर्म में आने के संकेत दिए।
डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की टीम में एक साल के बाद वापसी के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम और भी ज़्यादा मजबूत हुई है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम की सबसे बड़ी ताकत उसकी तेज़ गेंदबाज़ी है। उनके हालिया फॉर्म को देखते हुए हम यह कह सकते हैं कि कंगारु टीम कम से कम सेमी-फाइनल में तो जगह ज़रूर बनाएगी।
#2. भारत
इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ख़िताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। टीम में शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के रूप में दुनिया के तीन शीर्ष बल्लेबाज़ हैं। इसके अलावा टीम इंडिया के पास एमएस धोनी के रूप में एक मास्टरमाइंड फिनिशर और एक चतुर विकेटकीपर है।
शायद ऐसा पहली बार है जब संटीम इंडिया की गेंदबाज़ी भी उनकी बल्लेबाज़ी जितनी ही प्रभावशाली लग रही है। उदाहरण के तौर पर जसप्रीत बुमराह इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज हैं और भुवनेश्वर कुमार की क़ाबलियत से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। इस समय कप्तान कोहली की सबसे बड़ी परेशानी मध्य-क्रम की कमज़ोरी है, अगर इस वर्ल्ड में भारत का मध्य-क्रम शानदार प्रदर्शन कर पाया तो मेन इन ब्लू को तीसरी बार विश्व विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकेगा।
#1. इंग्लैंड
इस वर्ल्ड में मेज़बान इंग्लैंड की टीम सबसे ज़्यादा संतुलित नज़र आती है। इस टीम के पास बल्लेबाज़ी में 'जे' फैक्टर है मतलब जॉनी बेयरस्टो, जेसन रॉय, जो रूट और जोस बटलर जो किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण की बखियाँ उधेड़ने में सक्षम हैं।
तेज गेंदबाजों में क्रिस वोक्स और डेविड विली नई गेंद के साथ कमाल दिखा सकते हैं जबकि आदिल राशिद और मोइन अली जैसे स्पिनर मध्य ओवरों में बल्लेबाज़ों पर अंकुश लगा सकते हैं। कुल मिलाकर इंग्लैंड के पास पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का यह सुनहरा मौका है।
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