ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ओपनर डेविड वॉर्नर (David Warner) का मेलबर्न टेस्ट से पहले तक कुछ खास प्रदर्शन नहीं था और उनके भविष्य को लेकर भी अटकलें शुरू हो गईं थी। कुछ समय पहले वॉर्नर ने भी जल्द ही इस फॉर्मेट से संन्यास लेने के संकेत दिए थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने के बाद, दिग्गज बल्लेबाज काफी राहत महसूस कर रहा है। वॉर्नर ने खुद स्वीकार किया कि उन्हें खुद टेस्ट क्रिकेट में अपनी काबिलियत पर संदेह होने लगा था लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेलने की भूख नहीं खोई है और वह भारत और इंग्लैंड में जीतने की कोशिश करने के लिए हमेशा की तरह प्रेरित हैं।
वॉर्नर ने एमसीजी से पहले लगभग पिछले तीन सालों में एक भी टेस्ट शतक नहीं बनाया था और अपनी पिछली 10 टेस्ट पारियों में 50 के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए थे। उन्होंने खुलासा किया कि उनके सार्वजनिक बयान के बावजूद उनके दिमाग में कुछ संदेह पैदा हो गया था कि वह केवल रन नहीं बना रहे और भाग्य का साथ नहीं मिल रहा लेकिन आउट ऑफ फॉर्म नहीं हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे दिन मिली जीत के बाद, ऑस्ट्रेलियाई ओपनर ने कहा:
हाँ, बेशक, मेरे मन में संदेह था, लेकिन मेरे लिए, यह सिर्फ मैदान पर जाने और यह जानने के बारे में था कि मेरे पास अभी भी वह भूख और दृढ़ संकल्प है क्योंकि हर बार जब मैं ट्रेनिंग करता हूँ तो मुझे यह प्राप्त होता है। और लोग मुझे बताते रहते हैं कि आपको पता चल जाएगा कि यह समय कब होगा और मैंने वास्तव में अभी तक ऐसा महसूस नहीं किया है। मैं अभी भी इसका आनंद ले रहा हूं।
मुझे अभी भी पता है कि मैं टीम में क्या ऊर्जा ला सकता हूं। मुझे लगता है कि एक बार जब मैं प्रशिक्षण के आसपास उस चिंगारी और ऊर्जा को खोना शुरू कर देता हूं और यहां-वहां कुछ चुटकुले और मजाक करता हूँ, तो मुझे लगता है कि जब मैं शायद जानता हूं कि यह समय है।
ऑस्ट्रेलिया को अगले साल मिलेगी बड़ी चुनौती
ऑस्ट्रेलिया की अगली बड़ी चुनौती भारत दौरा है, जहाँ सभी की नजरें चार मैचों की टेस्ट सीरीज पर होंगी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर लगातर दो बार टेस्ट सीरीज में मात दी है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया बदला लेने के इरादे के साथ आएगा। ऑस्ट्रेलिया की टीम बेहतरीन खेल दिखा रही है लेकिन भारत में उसका काम आसान नहीं रहने वाला है। टीम के अच्छे प्रदर्शन के लिए डेविड वॉर्नर का रन बनाना काफी महत्वपूर्ण होगा। इस दौरे के बाद टीम को इंग्लैंड जाकर एशेज भी खेलनी है। ऐसे में अगला साल ऑस्ट्रेलिया और वॉर्नर दोनों के लिए ही काफी अहम है।