ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (David Warner) की पत्नी कैंडिस वॉर्नर ने बॉल टैंपरिंग कांड (Ball Tampering) के बाद समर्थन की कमी के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia) पर निशाना साधा है। कैंडिस ने बताया कि बोर्ड ने इस घटना के बाद खिलाड़ियों को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया और फंसे खिलाड़ियों की कोई भी मदद नहीं की।
पांच साल पहले दक्षिण अफ्रीका में चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट के साथ वॉर्नर भी सैंडपेपर गेट विवाद में फंस गए थे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज यानी डेविड वॉर्नर को बॉल टैंपरिंग कांड का मास्टरमाइंड पाया, तो उन्होंने उन पर आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध यानी लाइफटाइम लीडरशिप बैन लगा दिया। इसका मतलब था कि अब डेविड वॉर्नर कभी भी ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी नहीं कर सकते थे।
बॉल टैंपरिंग विवाद पर डेविड वॉर्नर की पत्नी ने किए कई खुलासे
मैटी जोन्स पॉडकास्ट पर अपनी बात रखते हुए डेविड वॉर्नर की पत्नी ने कहा कि उस क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कोई भी अधिकारी मदद के लिए आगे नहीं आया और ना ही किसी भी तरह की मदद का कोई ऑफर आया। उन्होंने कहा,
उस समय कोई समर्थन नहीं मिला था। असल में जब हम दक्षिण अफ्रीका में होटल से बाहर निकले थे, तब से डेविड का सफाया हो गया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कोई अधिकारी उनकी मदद नहीं कर रहा था। कुछ भी नहीं था। वो कुछ ऐसा व्यवहार था जैसे आप अपनी मुसीबत अपने आप हैंडल करो, हम बाद में मिलते हैं। आपकी सेवाओं के लिए धन्यवाद।
इंग्लैंड में 2019 वर्ल्ड कप के दौरान राष्ट्रीय टीम में वापसी करने वाले वॉर्नर ने पिछले साल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से नेतृत्व प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया था। हालांकि, बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ने पूरी प्रक्रिया की टेंशन और उन्हीं पुरानी घटनाओं को फिर से याद न करने की वजह से अपने आवेदन को वापस ले लिया था।
इसके अलावा डेविड वॉर्नर की पत्नी ने कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके परिवार को उस मुद्दे पर चुप्पी साधने के लिए भी कहा था। इसके बारे में बताते हुए कैंडिस ने कहा,
उस वक्त ऐसे हालात हो गए थे कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के किसी व्यक्ति ने मुझे कहा था कि इस मुद्दे पर अपना मुंह बंद रखने में ही टीम का फायदा है। इस बात से मुझे और डेविड को काफी गुस्सा आया। टीम के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन हम इंसान भी हैं। हमारे लिए कोई मदद नहीं थी। यह दुखद है क्योंकि मैंने इसे स्वीकार करना सीख लिया है।