भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) ने 2024-2031 तक आईसीसी (ICC) टूर्नामेंट्स की संख्या बढ़ने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि टूर्नामेंट बढ़ने से प्लेयर्स पर दबाव आएगा और शायद इसी वजह से भारत जैसी बड़ी टीमें लगातार अपनी दो टीम तैयार रखें।
दीप दासगुप्ता के मुताबिक आईसीसी टूर्नामेंट्स की संख्या बढ़ने से क्रिकेट का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगा। इससे मेंस और वुमेंस दोनों ही टीमों के टैलेंटेड प्लेयर्स को पूरा मौका मिल सकेगा।
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हालांकि उनका ये भी मानना है कि इससे प्लेयर्स के ऊपर वर्कलोड भी बढ़ जाएगा। अपने यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत समेत दूसरे देश फॉर्मेट के हिसाब से अपनी अलग-अलग टीम तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा "आईसीसी टूर्नामेंट्स की संख्या बढ़ गई है। इसके अलावा द्विपक्षीय सीरीज भी होंगे। इससे खिलाड़ियों के ऊपर वर्कलोड बढ़ जाएगा। इसकी वजह से वर्तमान स्थिति पैदा हो जाएगी। जैसे अभी भारतीय टीम ने इंग्लैंड सीरीज के लिए अलग और श्रीलंका दौरे के लिए अलग टीम भेजी है।"
प्लेयर्स को फ्रेंचाइज क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट में से किसी एक को चुनना पड़ेगा - दीप दासगुप्ता
आईपीएल 2021 के बचे हुए मुकाबले सितंबर-अक्टूबर में हो सकते हैं। हालांकि कई विदेशी खिलाड़ी शायद इस दौरान उपलब्ध ना रहें। इसकी वजह ये है कि उन्हें अपने देश की तरफ से इंटरनेशनल मुकाबले भी खेलने हैं।
दीप दासगुप्ता के मुताबिक आईसीसी टूर्नामेंट्स की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में इस तरह की समस्याएं और ज्यादा होंगी। प्लेयर्स को फ्रेंचाइज क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट में से किसी एक का चयन करना होगा।
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