Impact player rule: क्रिकेट के खेल को रोचक बनाने के लिए इसमें समय-समय पर नए नियम लागू किए गए, जिनमें से कुछ का सभी ने समर्थन किया जबकि कुछ का विरोध भी हुआ। ऐसा ही एक नियम इम्पैक्ट प्लेयर का है, जिसे आईपीएल में 2023 के सीजन से लागू किया गया था। हालांकि, इस नियम ने हाल ही में काफी ज्यादा चर्चा बटोरी और इसे विराट कोहली और रोहित शर्मा समेत कई प्रमुख खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट के लिए नुकसान पहुंचाने वाला बताया। वहीं, अब इस नियम को लेकर दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल की भी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने भी इसे हटाने की मांग की है।
दिल्ली कैपिटल्स के पार्थ जिंदल ने की इम्पैक्ट प्लेयर नियम को हटाने की मांग
बुधवार को मुंबई में बीसीसीआई और सभी 10 आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिकों के बीच मेगा ऑक्शन और लीग को लेकर अहम मीटिंग हुई। इसी दौरान पार्थ जिंदल ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को हटाने की बात कही। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिंदल ने कहा,
"कुछ लोग ऐसा इसलिए चाहते हैं क्योंकि इससे युवा खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का मौका मिलता है, कुछ लोग ऐसा इसलिए नहीं चाहते क्योंकि यह ऑलराउंडर खिलाड़ियों को तैयार करने के लिहाज से भारतीय क्रिकेट के लिए हानिकारक है। इसलिए यह नियम मिलाजुला है। हालांकि, मैं इस नियम के पक्ष में नहीं हूं। मैं गेम को पसंद करता हूं क्योंकि यह दो टीम के 11-11 खिलाड़ियों के बीच है, और मुझे लगता है कि ऑलराउंडर बहुत महत्वपूर्ण हैं। आपके पास अलग-अलग खिलाड़ी हैं जो इस नियम के कारण आईपीएल में गेंदबाजी नहीं करते हैं या आईपीएल में बल्लेबाजी नहीं करते हैं, जो भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है।"
मेगा ऑक्शन के पक्ष में दिखे दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक
आईपीएल 2025 से पहले मेगा ऑक्शन को लेकर कोलकाता और हैदराबाद की फ्रेंचाइजी समेत कुछ अन्य ने ऐतराज किया है लेकिन पार्थ जिंदल ने इस लीग को रोचक बनाए रखने के लिहाज से जरूरी बताया। उन्होंने कहा,
"मुझे आश्चर्य हुआ कि मेगा ऑक्शन आयोजित करने के संबंध में विवाद हुआ, कुछ लोगों ने कहा कि मेगा ऑक्शन होना ही नहीं चाहिए और मिनी ऑक्शन के पक्ष में दिखे। मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। मुझे लगता है कि यह गेम में बराबरी का मौका देता है और यह सभी के लिए बहुत अच्छा है। यह आईपीएल को प्रतिस्पर्धी बनाता है। यह इसे एक समान खेल का मैदान बनाता है। हालांकि, कुछ टीम मालिक ऐसा नहीं चाहते हैं।"
बता दें कि आईपीएल मालिकों और बीसीसीआई के बीच मीटिंग में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और सभी सिफारिशों को लीग की गवर्निंग काउंसिल के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ही खिलाड़ियों से संबंधी कोई नियम बनाया जाएगा।