ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 में कनकशन नियम के तहत खेलते हुए युजवेंद्र चहल ने धाकड़ गेंदबाजी करते हुए मेजबान टीम को मैच हराने में अपनी अहम भूमिका निभाई। कनकशन नियम के तहत युजवेंद्र चहल को रविन्द्र जडेजा की जगह दूसरी पारी में शामिल किया गया था। चहल प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे लेकिन कनकशन नियम के तहत उन्हें सब्सटीट्यूट के रूप में भारतीय टीम का हिस्सा बनाते हुए टीम मैनेजमेंट ने ऑस्ट्रेलिया की टीम को चौंकाने वाला फैसला लिया।
ऐसा नहीं है कि हर मैच में कोई टीम कनकशन नियम का इस्तेमाल करते हुए प्लेइंग इलेवन से बाहर के खिलाड़ी को टीम में शामिल कर सकती है। किसी खिलाड़ी को सिर या गर्दन में चोट लगने के बाद ही कनकशन नियम का इस्तेमाल किया जा सकता है। बल्लेबाज या गेंदबाज के स्थान पर उसी कैटेगरी का खिलाड़ी शामिल किया जाता है। रविन्द्र जडेजा को भारतीय पारी के दौरान अंतिम ओवर में मिचेल स्टार्क की गेंद हेलमेट पर लगी थी। इसके बाद पारी खत्म हो गई और बीसीसीआई मेडिकल टीम ने उन्हें असेसमेंट के लिए रोक दिया। इसके बाद चहल को मैदान पर उतारा गया और उन्होंने 3 विकेट हासिल किये।
कनकशन नियम क्या है?
कनकशन नियम वह है जिसके तहत किसी खिलाड़ी को सिर या गर्दन में चोट लगने के बाद उसी कैटेगरी का खिलाड़ी मैदान में लाया जा सकता है। भले ही वह खिलाड़ी बारहवां खिलाड़ी हो लेकिन चोटिल खिलाड़ी की जगह गेंदबाजी या बल्लेबाजी कर सकता है।
कनकशन नियम के तहत जैसा खिलाड़ी मैदान के बाहर जाता है, उसके अनुरूप खिलाड़ी मैदान पर आता है। अगर गेंदबाज बाहर हुआ है, तो गेंदबाज अन्दर आएगा और बल्लेबाज बाहर हुआ है, तो बल्लेबाज उसको रिप्लेस करेगा। इसके लिए मैच रेफरे से अनुमति लेनी होती है। आईसीसी मैच रेफरी यह तय करता है, कि रिप्लेसमेंट वाला खिलाड़ी कौन होगा और उसकी मैदान पर क्या भूमिका होगी।
रविन्द्र जडेजा की भूमिका दूसरी पारी के दौरान गेंदबाज की थी इसलिए उनकी जगह गेंदबाज के तौर पर युजवेंद्र चहल को भेजा गया। चहल ने पिच की मदद का पूरा फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम के 3 खिलाड़ी आउट किये। भारत ने मैच 11 रनों से जीत लिया।