भारतीय टीम ने कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में बांग्लादेश को हराकर निदहास ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इस जीत के हीरो रहे विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक जिन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर अपनी टीम को जबरदस्त जीत दिला दी। टीम को जब 12 गेंदों पर 34 रन चाहिए थे तो उन्होंने शानदार पारी खेलकर भारतीय टीम को रोमांचक जीत दिला दी। कार्तिक 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए और 9 गेंदों पर 29 रन बनाए। कार्तिक को ऑलराउंडर विजय शंकर के बाद बल्लेबाजी के लिए भेजा गया और इस बारे में टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने से कार्तिक निराश थे। मैच के बाद पत्रकारों से बातचीत में रोहित शर्मा ने कहा कि मैंने कार्तिक से कहा कि मैं चाहता हूं कि आप टीम के लिए मैच फिनिश करें क्योंकि आपको पास जो स्किल है उसकी आखिरी के 3 और 4 ओवरो में सख्त जरुरत है। वो हमारे लिए ऐसा कर सकता है। यही वजह रही कि 13वें ओवर में जब मैं आउट हुआ तो कार्तिक को बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा गया। इससे कार्तिक थोड़ा निराश भी थे। हालांकि जिस तरह से उन्होंने टीम को मैच जिताया अब वे उससे काफी खुश होंगे। रोहित शर्मा ने कहा कि कार्तिक ने आज जो कुछ किया है उससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया होगा। गौरतलब है बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 166/8 का स्कोर खड़ा किया था, जिसके जवाब में भारतीय टीम ने मैन ऑफ़ द मैच दिनेश कार्तिक की धुआंधार 29 रनों की पारी की बदौलत आखिरी गेंद पर 6 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत को आखिरी गेंद पर 5 रनों की जरूरत थी और कार्तिक ने छक्का लगाकर टीम को खिताबी जीत दिला दी। दिनेश कार्तिक ने रूबेल होसैन के 19वें ओवर में दो छक्के और दो चौके सहित 22 रन बनाये और एक बार फिर मैच बराबरी पर आ गया। आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 12 रनों की जरूरत थी। दिनेश कार्तिक ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर भारत को एक बेहतरीन जीत दिलाई और भारत ने एक बेहद ही शानदार मुकाबला जीत लिया। कार्तिक ने आठ गेंदों में तीन छक्कों की मदद से नाबाद 29 रनों की पारी खेली और भारत को एक यादगार जीत दिलाई। इससे पहले दिनेश कार्तिक ने बयान दिया था कि उन्हें एक टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन टीम से बाहर भी किया जा सकता है।उन्होंने कहा था कि दबाव की इस स्थिति में वह अच्छा प्रदर्शन कर मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। लम्बे समय से टीम का हिस्सा रहने वाले कार्तिक स्थायी जगह बनाने में नाकाम रहे हैं और मुख्य खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में टीम में होते हैं। कार्तिक ने कहा था कि मेरे लिए हर टूर्नामेंट जरुरी है और उसमें शानदार प्रदर्शन मैं करना चाहता हूँ क्योंकि एक खराब सीरीज उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा सकती है। इसके अलावा कार्तिक ने यह भी कहा कि मुझ पर दबाव है लेकिन आपको दबाव की स्थिति से निपटना आना चाहिए। कार्तिक ने आईपीएल सहित सभी टूर्नामेंट अपने लिए अहम बताए। उल्लेखनीय है कि महेंद्र सिंह धोनी को अभी आराम दिया गया था। कार्तिक को भारतीय टीम में जगह तो मिली है लेकिन ऋषभ पन्त जैसे युवा खिलाड़ी लगातार अच्छा खेलकर टीम में आने के लिए दरवाजा खटखटाते रहे हैं। कार्तिक की बातों पर गौर किया जाए तो यह सही है कि उन्हें एक खराब टूर्नामेंट टीम से बाहर करवा सकता है। कार्तिक को आईपीएल के इस सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स का कप्तान भी बनाया गया है और उससे पहले इस तरह की धमाकेदार पारी खेलकर उन्होंने टीम मैनेजमेंट के फैसले को सही साबित किया है। इस पारी के बाद निश्चित तौर पर उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा जो कि आईपीएल में उनकी टीम के लिए काफी कारगर होगा।