ECB Urged to not play match with Afghanistan in CT: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान करने वाला है। टूर्नामेंट को लेकर सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया था, जब बीसीसीआई ने अपनी टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने के लिए पाकिस्तान भेजने से साफ मन कर दिया। इसके बाद आईसीसी ने टूर्नामेंट का आयोजन हाइब्रिड मॉडल के तहत करवाने का निर्णय लिया है। इस विवाद के थमने के कुछ समय बाद एक और बवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। दरअसल, इंग्लैंड के 160 सांसदों ने ईसीबी से अपील की है कि वो चैंपियंस ट्रॉफी में अफगानिस्तान से मैच ना खेले।
चैंपियंस ट्रॉफी में अफगानिस्तान से मैच नहीं खेलेगी इंग्लैंड टीम!
इसके पीछे की मुख्य वजह ये है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदियां लगाई हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसी चीज को लेकर ब्रिटेन संसद के दोनों सदनों में जमकर आवाज उठी। मालूम हो कि तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद से तालिबानी सरकार ने महिलाओं के किसी भी तरह के खेलों में भाग लेने पर रोक लगाई हुई है, जो ICC के नियमों का उल्लंघन है।
हाउस ऑफ कॉमंस और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों ने ECB से तालिबानी सरकार द्वारा अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।
ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचार्ज गाउल्ड का मानना है कि अगर आईसीसी के सभी सदस्य एक साथ आएंगे तो ज्यादा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा,
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चियों के साथ किए जा रहे दुर्व्यव्हार की ईसीबी कड़ी निंदा करता है। आईसीसी के सविधान के मुताबिक सभी सदस्य देशों का महिला क्रिकेट के विकास के लिए प्रतिबद्ध होना जरूरी है। इसी बात को मानते हुए ईसीबी ने अफागनिस्तान के खिलाफ किसी तरह का द्विपक्षीय क्रिकेट मैच न आयोजित करने का फैसला लिया हुआ है। हालांकि, आईसीसी के भीतर आगे के अंतरराष्ट्रीय एक्शन पर आम सहमति नहीं बनी है, लेकिन ईसीबी ऐसे उपायों के लिए सक्रिय रूप से वकालत करना जारी रखेगा।
बता दें कि 19 फरवरी से शुरू होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड को अफगानिस्तान के खिलाफ मैच 28 फरवरी को खेलना है। ये दोनों टीमें टूर्नामेंट में ग्रुप बी का हिस्सा होंगी।