भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज हो चुका है और इसी सीरीज के अंतर्गत पहला टेस्ट मैच ट्रेंट ब्रिज में खेला जा रहा है। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। हालांकि सभी को तब हैरान हुई जब भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भारत की प्लेइंग XI का खुलासा किया। कई दिग्गजों ने रविचंद्रन अश्विन के पहले टेस्ट में खेलने के अनुमान लगाया था लेकिन भारतीय कप्तान ने सभी को हैरान करते हुए उन्हें ड्रॉप कर दिया।
इस मैच में अश्विन के साथ-साथ तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को भी नहीं खिलाया गया। अश्विन के स्थान पर शार्दुल ठाकुर तथा इशांत के स्थान पर मोहम्मद सिराज को मौका दिया गया। वहीं प्रमुख स्पिनर के रूप में रविंद्र जडेजा खेल रहे हैं। अश्विन को ड्रॉप किए जाने से कई पूर्व क्रिकेटर भी ना खुश नजर आए और उन्होंने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दीं। अश्विन पिछले कुछ सालों से भारत के टॉप स्पिन गेंदबाज रहे और एक बार फिर उन्हें विदेशों में आखिरी मौके पर टीम से ड्रॉप कर दिया गया। इस आर्टिकल में हम उन तीन कारणों का खुलासा करने जा रहे हैं जिनकी वजह से अश्विन को पहले टेस्ट मैच में खिलाया जाना चाहिए था।
3 कारणों से रविचंद्रन अश्विन को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में खिलाया जाना चाहिए था
#3 विदेशों में अश्विन के प्रदर्शन में सुधार
अश्विन को भले ही भारत में जबरदस्त सफलता मिली हो लेकिन घर के बाहर उनके आंकड़ों की वजह से हमेशा ही उन पर सवाल उठे हैं। टेस्ट में अश्विन का ऑस्ट्रेलिया में 42.15, इंग्लैंड में 28.11, दक्षिण अफ्रीका में 46.14 और न्यूजीलैंड में 33 का गेंदबाजी औसत है। हालांकि पिछले दो सालों में अश्विन ने विदेशों में अच्छा किया है और विकेट भी हासिल किये हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अश्विन ने 12 विकेट चटकाए थे। इसके अलावा उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी शानदार गेंदबाजी की थी।
ऐसे में अश्विन के हालिया प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पहले मैच में ना खिलाने का फैसला साफ तौर पर गलत नजर आता है और देखना दिलचस्प होगा कि इसका मैच पर क्या असर पड़ता है।
#2 इंग्लैंड पर मनोवैज्ञानिक बढ़त
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण की आखिरी सीरीज में भारत ने चार टेस्ट मैचों के लिए अपने घर पर इंग्लैंड की मेजबानी की थी। इस दौरान टीम ने इंग्लैंड को 3-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। भारत की इस सीरीज जीत में अश्विन का अहम योगदान था। अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ सभी चार टेस्ट खेले और मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीता। उन्होंने सीरीज में सबसे ज्यादा 32 विकेट हासिल किए, यहां तक कि दूसरे टेस्ट में चेन्नई के टर्निंग ट्रैक पर शानदार शतक भी बनाया।
अश्विन ने उस सीरीज के दौरान इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कई बार आउट किया था और वो खिलाड़ी इस टेस्ट सीरीज का भी हिस्सा हैं। ऐसे में अश्विन को मौका मिलता तो विपक्षी बल्लेबाज जरूर थोड़ा घबराहट महसूस करते।
#1 अश्विन ने काउंटी खेलकर तैयारी की थी
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बाद अधिकांश भारतीय टीम इंग्लैंड में छुट्टियां मना रही थी लेकिन अश्विन ने इस बीच समरसेट के खिलाफ सरे के लिए एक काउंटी चैम्पियनशिप खेला। अश्विन ने पहली पारी में तो मात्र एक विकेट हासिल किया लेकिन दूसरी पारी में वो पूरी तरह से लय में दिखे और 6 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। ऐसे में अश्विन अन्य स्पिन गेंदबाज की तुलना में इंग्लैंड की परिस्थितियों से ज्यादा बेहतर वाकिफ थे और भारत को पहले टेस्ट में अश्विन को खिलाकर इस चीज का फायदा उठाना चाहिए था।