England to play against Afghanistan in Champions Trophy: हाल ही में ब्रिटेन के कई राजनेताओं ने चैंपियंस ट्रॉफी में अफगानिस्तान के खिलाफ होने जा रहे इंग्लैंड के मैच का बॉयकॉट करने की मांग की थी। 160 से अधिक ब्रिटिश नेताओं ने इस मैच में इंग्लैंड के हिस्सा नहीं लेने की मांग उठाई थी, लेकिन अब इसको लेकर इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (EBC) ने अपना फैसला सुना दिया है। ECB ने कंफर्म कर दिया है कि 26 फरवरी को अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले में इंग्लैंड की टीम तय शेड्यूल के हिसाब से हिस्सा लेगी। ECB ने यह फैसला लेने से पहले ICC, इंग्लैंड की सरकार और इंग्लैंड की टीम के खिलाड़ियों से बातचीत की थी।
ECB अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा, हमने सुना है कि कई आम अफगानी नागरिकों के लिए उनकी क्रिकेट टीम को खेलते देखना ही मनोरंजन के कुछ बेहद कम बचे साधनों में से एक बचा है। हम यह कंफर्म कर सकते हैं कि हम ये मुकाबला खेलेंगे।
क्यों हो रहा है अफगानिस्तान का विरोध?
2021 में जब तालिबान ने दोबारा अफगानिस्तान में अपना राज शुरू किया था तभी से वहां पर महिलाओं की क्रिकेट पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। ICC के नियमों के मुताबिक जो भी देश पुरुष क्रिकेट खेल रहे हैं उन्हें महिला क्रिकेट को भी बढ़ावा देना है और कम से कम अपनी एक टीम तो जरूर रखनी है। हालांकि, तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अफगानिस्तान की महिला टीम मैदान पर नहीं उतर सकी है। इसको लेकर ही लगातार अफगानिस्तान की टीम को विरोध भी झेलना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया ने सबसे अधिक अफगानिस्तान का विरोध किया है और तब से ही उनके खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेले हैं। जब तालिबान का यह राज आया था तब अफगानिस्तान को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेलना था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को खेलने से इंकार कर दिया था। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की टीम टी-20 सीरीज खेलने से भी इंकार कर चुकी है। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले वहां के भी कुछ लोगों ने टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले का बॉयकॉट करने का मांग किया था। इसके बाद ही इंग्लैंड के नेताओं ने भी कुछ ऐसी ही डिमांड शुरू कर दी थी।