क्रिकेट जगत में इस वक्त सिर्फ वर्ल्ड कप 2019 ही एक विषय है जिसको लेकर हर कोई चर्चा कर रहा है। जितने भी मुकाबले खेले जा रहे हैं उन्हें विश्व कप की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। हर क्रिकेट टीम रणनीति भी इंग्लैंड में इस साल होने वाले वर्ल्ड कप को लेकर ही तैयार कर रही है।
विश्व क्रिकेट की बात की जाए तो भारतीय क्रिकेट टीम का लोहा हर कोई मान रहा है। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने जिस तरह से हाल ही में विदेशी जमीं पर जीत दर्ज कर इतिहास रचा उसके बाद कई दिग्गज खिलाड़ी ये मान चुके हैं कि कोहली सेना वर्ल्ड कप की सबसे मजबूत टीम है।
आईसीसी वनडे रैंकिंग में भारतीय टीम 122 रेटिंग्स के साथ नम्बर दो पर है। जबकि इस साल होने वाले वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाला इंग्लैंड 126 रेटिंग्स के साथ टॉप पर काबिज है। वहीं 112 रेटिंग्स के साथ न्यूजीलैंड की टीम नम्बर तीन पर विराजमान है।
अब बात असल मुद्दे की करते हैं कि आखिर हम ये क्यूं कह रहे हैं कि भारतीय टीम ने अगर अंग्रेजों से लगान वसूल लिया तो तीसरी बार विश्व कप की ट्रॉफी पर भारत का नाम लिखा जाएगा। जिसके लिए ये जानना बेहद जरुरी है कि पिछले एक साल में भारतीय टीम का परफॉर्मेंस कैसा रहा। कोहली सेना की फॉर्म कैसी रही और किन-किन टीमों के खिलाफ टीम इंडिया ने जीत का परचम लहराया।
मैन इन ब्ल्यू ने पिछले एक साल में कुल 28 वनडे मुकाबले खेले हैं। जिसमें से 20 मैच में टीम इंडिया ने दुश्मन को हार का स्वाद चखाया था। जबकि 6 बार विरोधी भी भारतीय टीम पर भारी पड़े। हालांकि इस दौरान वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के साथ एक-एक मुकाबला टाई हुआ।
अब इन 28 मुकाबलों की जानकारी जरा तफसील से समझते हैं। भारत ने शुरुआत की साउथ अफ्रीका के खिलाफ 6 वनडे मैच की सीरीज से जहां टीम इंडिया ने 5-1 से जीत दर्ज कर प्रोटियाज को चित किया।
उसके बाद भारत इंग्लैंड दौरे पर गया और वहां तीन मैच की वनडे सीरीज में मेजबान ने अपनी ताकत बखूबी दिखाई। जिसमें इंग्लैंड ने 2-1 से भारत को शिकस्त देकर ये बता दिया कि अभी कोहली सेना को अपनी गलतियों से सीखने की जरुरत है।
इंग्लैंड दौरे के बाद बारी थी एशिया कप की जहां भारत ने कुल 6 मैच खेले। जिसमें 5 मुकाबले भारत ने जीते और सिर्फ एक बार ही हार झेली थी। साथ ही यूएई में हुए एशिया कप के फाइनल में बांग्लादेश को 3 विकेट से हराकर टीम इंडिया एशिया की किंग बनी थी।
वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मुकाबलों की वनडे सीरीज भारत को अपने घर में खेलनी थी। यहां भारतीय शेरों ने 3-1 से सीरीज पर कब्जा जमाया। जबकि एक मुकाबला टाई रहा।
भारतीय टीम अपने विजय अभियान को आगे बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंची। कंगारुओं के खिलाफ कोहली एंड कंपनी ने 3 मैच की सीरीज को 2-1 से अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। इतिहास में ये पहला मौका था जब टीम इंडिया ने मेजबान ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में द्बिपक्षीय वनडे सीरीज में धूल चटाई।
ऑस्ट्रेलिया में खुद को साबित कर भारत ने स्वदेश लौटने से पहले न्यूजीलैंड का दौरा भी किया। यहां टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 वनडे मैच खेलने थे। कीवी टीम को उसके घर में भारत ने बूरी तरह हराकर 4-1 से सीरीज पर अपना नाम लिख दिया। यही वजह है कि टीम इंडिया की शानदार फॉर्म और प्रदर्शन को देखकर आज हर कोई भारत को विश्व कप का सबसे प्रबल दावेदार मान रहा है।
लेकिन भारत के सामने विश्व कप में सबसे बड़ी चुनौती इंग्लैंड बन सकता है। मेजबान को पहला फायदा अपनी होम कंडिशन्स का मिलेगा। साथ ही पिछले 12 महीने के आंकड़ें भी इंग्लिश टीम को मजबूत साबित कर रहे हैं।
इंग्लैंड ने पिछले एक साल में कुल 19 वनडे मैच खेले हैं जिसमें से 13 बार जीत दर्ज की जबकि 5 मैच में शिकस्त झेली और 1 मैच बेनतीजा रहा। लेकिन खास बात ये है कि इस दौरान खेली 5 वनडे सीरीज में से उसने 4 सीरीज में जीत हासिल की जबकि एक मैच की सीरीज में उसे स्कॉटलैंड से हाल झेलनी पड़ी। स्कॉटलैंड वर्ल्ड कप का हिस्सा नहीं है।
इंग्लैंड ने 5 वनडे मैच की सीरीज में कंगारुओं को 5-0 से हराते हुए क्लीन स्वीप किया। इस प्रदर्शन से साफ जाहिर है कि इंग्लिश टीम विश्व कप के मद्देनजर अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती।
वहीं भारत को भी इंग्लैंड ने अपने घर में बुलाकर 2-1 से वनडे सीरीज में मात दी थी। जिसके बाद टीम इंडिया की काफी आलोचना भी हुई थी।
जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली 5 मैच की वनडे सीरीज में इंग्लैंड को काफी मेहनत करनी पड़ी। लेकिन यहां भी 3-2 से वनडे सीरीज में जीतने में इंग्लैड कामयाब रहा।
इसके अलावा इंग्लैंड ने श्रीलंका दौरे पर भी 5 वनडे मुकाबले खेले जिसमें उसने मेजबान श्रीलंका को अपनी ताकत का प्रमाण दिया। इंग्लैंड ने 3 मुकाबले जीतकर सीरीज पर अपनी मुहर लगाई हालांकि इस सीरीज में श्रीलंका एक मैच जीतने में जरुर कामयाब हुआ था जबकि 1 मुकाबला बेनतीजा रहा। इसी के साथ इंग्लैंड 3-1 से सीरीज पर अपना कब्जा करने में सफल रहा।
इस वक्त विश्व जगत में इंग्लैंड और भारत का वर्चस्व देखा जा रहा है। लेकिन अब कोहली सेना को अपनी रणनीति इंग्लैंड के खिलाफ मजबूत करनी होगी। अगर टीम इंडिया इंग्लैंड से अपना लगान वसूलने में कामयाब हो गई तो फिर विश्व कप में भारत की राह का सबसे बड़ा खतरा खत्म हो जाएगा। बस उसके लिए सही टीम, सटीक रणनीति और शानदार फॉर्म टीम इंडिया को जारी रखनी होगी। जिसके बाद टीम इंडिया 1983 और 2011 के बाद तीसरी बार विश्व विजेता बन जाएगी।
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