भारतीय क्रिकेट टीम को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। युवराज लंबे समय से भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह टीम में जगह बना पाने में नाकामयाब रहे थे।
युवराज ने अपने करियर के सभी महत्वपूर्ण पलों को याद किया और वह काफी इमोशनल थे। युवराज ने कैंसर को मात देकर न सिर्फ मैदान में वापसी की थी बल्कि वह भारतीय टीम में जगह बनाने में भी कामयाब रहे थे।
भारत के लिए युवराज ने 304 वनडे मुकाबलों में 8,701 रन बनाए थे। वनडे में युवराज ने 14 शतक और 52 अर्धशतक लगाए थे। टी-20 में युवराज ने भारत के लिए 58 मैचों में आठ अर्धशतक की बदौलत 1177 रन बनाए थे। एक नजर डालते हैं भारत के लिए खेली गई युवराज की 5 सबसे बेहतरीन पारियों पर।
#5 138* बनाम इंग्लैंड (राजकोट, 2008)
नवंबर 2008 में इंग्लैंड की टीम भारतीय दौरे पर थी और वनडे सीरीज़ का पहला मुकाबला राजकोट में खेला गया था। युवराज नें क्रीज पर आते ही इंग्लैंड के गेंदबाजों की खबर लेनी शुरु कर दी थी। पारी के बीच में ही उनके पीठ में दर्द होने लगा जिसके बाद उन्होंने बेल्ट लगाकर बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।
युवराज ने मात्र 78 गेंदों में नाबाद 138 रनों की पारी खेली। अपनी पारी में युवराज ने 16 चौके और छह छक्के उड़ाए थे। युवराज ने 176.92 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे जो वनडे में 100 से ज़्यादा रनों की पारी में किसी भारतीय का दूसरा सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट है।
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#4 150 बनाम इंग्लैंड ( कटक, 2017)
कैंसर से जूझने के बाद युवराज के लिए मैदान में वापसी कर पाना बेहद मुश्किल था, लेकिन चैंपियन खिलाड़ी के लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं था। लगभग तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी करने के बाद युवराज कटक में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबला खेल रहे थे और उनके ऊपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था।
युवराज जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत 25 रनों पर केएल राहुल और विराट कोहली के विकेट गंवा चुका था। जल्दी ही शिखर धवन भी चलते बने। युवराज ने एमएस धोनी के साथ 230 गेंदों में 256 रनों की साझेदारी की जो वनडे में चौथे विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।
युवराज ने 127 गेंदों में 150 रनों की पारी खेली जो वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। अपनी पारी में युवराज ने 21 चौके और तीन छक्के लगाए थे।
#3 58 बनाम इंग्लैंड ( 2007 टी-20 वर्ल्ड कप)
युवराज सिंह को इंग्लैंड की टीम काफी पसंद है, लेकिन 2007 टी-20 वर्ल्ड में उन्होंने युवा स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ जो किया था उसे ब्रॉड पूरी उम्र भूल नहीं पाएंगे। 17वें ओवर में क्रीज पर आए युवराज ने आते ही अपने इरादे जाहिर कर दिए। एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने युवराज के साथ कुछ बहस की जिसके बाद युवराज अपने तेवर में आ गए।
ब्रॉड के ओवर की पहली गेंद को युवराज ने मैदान के बाहर भेजा। दूसरी गेंद फ्लिक की और वह भी मैदान के बाहर थी। युवराज ने लगातार पांच गेंदों में पांच छक्के जड़ दिए थे और कमेंटेटर्स यह कह रहे थे कि क्या युवराज इतिहास बना पाएंगे या नहीं। युवराज ने आखिरी गेंद पर काफी लंबा छक्का लगाया और टी-20 के एक ओवर में छह गेंदों में छह छक्के लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने।
इसके अलावा युवराज ने 12 गेंदों में पचास रन पूरे करके टी-20 का सबसे तेज अर्धशतक भी जड़ दिया। युवराज ने कुल 16 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली।
#2 70 बनाम ऑस्ट्रेलिया ( 2007 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल)
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में मिली हार का बदला लेने के लिए कमर कस चुकी थी। हालांकि, मजबूत कंगारू टीम के सामने भारत के लिए काफी चुनौती थी और टीम आठ ओवर में 41 रनों पर दो विकेट गंवा चुकी थी।
युवराज ने क्रीज पर आते ही 2003 में टूटे करोड़ो दिलों का बदला लेना शुरु कर दिया। युवराज ने कंगारू गेंदबाजों की जमकर खबर ली और एक और धुंआधार पारी खेली। युवराज ने 30 गेंदों में 70 रनों की धमाकेदार पारी खेली। युवराज ने अपनी पारी में पांच चौके और पांच छक्के लगाए जिसकी बदौलत भारत ने 188 रनों का स्कोर खड़ा किया। शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत ने 15 रनों से मुकाबला जीता और 2003 वर्ल्ड कप फाइनल की हार का बदला पूरा किया।
#1 57* बनाम ऑस्ट्रेलिया ( 2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल)
2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल में एक बार फिर भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 260 रन बनाए थे। युवराज ने 10 ओवर में 44 रन देकर दो विकेट हासिल किए थे और भारत के लिए आधा काम कर दिया था। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन अंत में मैच फंसता नजर आ रहा था।
युवराज ने सुरेश रैना के साथ बल्लेबाजी करते हुए तेजी के साथ रन बनाए और 65 गेंदों में 57 रनों की जिम्मेदारी भरी पारी खेली। युवराज और रैना (34) ने मिलकर ब्रेट ली तथा शॉन टेट जैसे गेंदबाजों की कुटाई की और भारत को मैच में जीत दिलाई और वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचाया। एक बार फिर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप से नॉकआउट किया और यह युवराज के करिश्माई प्रदर्शन के बिना मुमकिन नहीं था।