भारतीय बल्लेबाजों की 5 ऐसी टेस्ट पारियाँ जो बिना शतक भी मैच जिताने वाली बनी

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# 2 विराट कोहली - 54 और 41 (जोहान्सबर्ग, 2018)

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इस साल की शुरूआत में शुरू हुए भारत के अफ्रीका दौरे को भारत के लिये अपनी पहली श्रृंखला जीतने का सबसे अच्छा मौका माना गया था। हालांकि, मुश्किल लड़ाई देने के बाद भी भारत पहले दो टेस्ट हार गया और इसके परिणामस्वरूप श्रृंखला भी। जब भारत तीसरा टेस्ट खेलने पहुंचा, तो भारत पर न केवल दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सफाये का दबाव था, बल्कि साथ ही 'ख़राब यात्रियों' का टैग का भी दबाव था। इसलिए, जब भारत ने टॉस जीता और हरे रंग की पिच पर पहले बल्लेबाजी की, बहुत सारे लोगों को इस फैसले पर हैरत हुई। पहले दो टेस्ट की तरह, भारत एक बार फिर से मुसीबत में था क्योंकि सलामी बल्लेबाज विफल रहे और भारत 13/2 पर संघर्ष कर रहा था। हालांकि, पिछले टेस्ट में 153 रन बनाने वाले कप्तान विराट कोहली ने आगे बढ़कर टीम का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया। उन्होंने एक ऐसी पिच पर 54 रन बनाये जो कि बहुत कुछ कर रही थी और भले ही दो बार उनको जीवनदान मिला, लेकिन जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की, वह शानदार था। उनके 54 रन के साथ पुजारा ने 50 रन बनाकर भारत को पतन से बचाया (भारत ने पहली पारी में 187 रन बनाए)। दक्षिण अफ्रीका को 194 से नीचे के स्कोर पर रोकने के बाद भारत को चौथी पारी में बचाव के लिए एक अच्छे स्कोर की जरूरत थी। कोहली को एक बार फिर जल्दी अंदर आना पड़ा, क्योंकि 15 रन के अंदर भारत के दो विकेट चले गये थे। एक बार फिर कोहली ने लड़ाई लड़ना शुरू कर दी। एक पिच पर जहां गेंदें लगातार असर दिखा रही थी, भारतीय कप्तान ने पिच पर लड़ाई जारी रखने का फैसला किया। वह दूसरी पारी में केवल 41 रन बना सके थे, लेकिन वह पारी निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ होगा। उनके 54 और 41 रनों की पारी के बूते भारत ने शानदार जीत दर्ज की और दक्षिण अफ्रीका को 63 रनों से हरा दिया। यह 7 वर्षों में उपमहाद्वीप (वेस्टइंडीज को छोड़कर) के बाहर भारत की मात्र दूसरी जीत थी।

Edited by Staff Editor
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